प्राचीनकाल में रोगों के शीघ्र निदान के लिए वैद्य, औषधि, दवा के साथ ज्योतिष शास्त्र गणना की सहायता लेते थे। उनका मानना था कि जिसका आयुष्य ही नष्ट हो चुका है उसकी चिकित्सा से कोई लाभ नहीं होता। योग-रत्नाकर में भी कहा गया है कि, औषधि, अनुष्ठान, यंत्र, मंत्र आदि उसी रोगी के लिए कारगर होते हैं, जिसकी आयु शेष होती है। जिसकी आयु शेष नहीं है; उसके लिए इन क्रियाओं से कोई सफलता की आशा नहीं की जा सकती। 'श्रीमदभागवत' महापुराण के अनुसार जब राजा परीक्षित को तक्षक नाग डसने जा रहे थे, तो रास्ते में...
है।' तक्षक के यह वचन सुनकर महर्षि अपने स्थान को लौट गए। इससे यह ज्ञात होता है कि आयु शेष होने पर एवं सही मुहूर्त में औषधि उपाय आदि शीघ्र असर करते हैं।ज्योतिषीय कारण - दवाइयों के काम नहीं करने से संबंधित ज्योतिषीय कारण निम्नलिखित हैं - अरिष्ट एवं मारक योगयदि रोगी की जन्म कुंडली में अरिष्ट अथवा मारक योग विद्यमान है, तो उस पर दवाई बेअसर रहती है। इस संबंध में सुश्रुत संहिता में कहा है, जो चिकित्सक रोगी की जीवन आयु अवधि देखकर उसकी चिकित्सा कर्म करता है, वह अपने कर्म में सफल होता है। रोग की...
दवाइयों के सेवन में सही विधि एवं मुहूर्त Correct Method Of Taking Medicines Shubh Time To Take Medicines Srimad Bhagwat Mahapuran Takshak Naga And King Parikshit Medicine Remedy At Right Time
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: News Nation - 🏆 15. / 51 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
स्रोत: News18 Hindi - 🏆 13. / 51 और पढो »
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »