त्रिपुरा सिविल सर्विस ऑफिसर्स एसोसिएशन के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा कि अधिकारियों का एक वर्ग इस तरह अदालत की अवमानना का हवाला दे रहा है जैसे कि यह अवमानना कोई बाघ हो, लेकिन वास्तव में ‘मैं बाघ हूं.’ सरकार चलाने वाले के पास शक्ति होती है.त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने सरकारी अधिकारियों से कहा है कि वे अदालत की अवमानना के बारे में चिंता न करें क्योंकि पुलिस उनके नियंत्रण में है और ऐसे में किसी को जेल भेजना आसान नहीं है.
देब ने त्रिपुरा सिविल सर्विस ऑफिसर्स एसोसिएशन के द्विवार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि अधिकारियों का एक वर्ग इस तरह अदालत की अवमानना का हवाला दे रहा है जैसे कि यह अवमानना कोई बाघ हो, लेकिन वास्तव में ‘मैं बाघ हूं.’मुख्यमंत्री ने बीते शनिवार को राजधानी अगरतला के रवींद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘आजकल अधिकारियों का एक वर्ग अदालत की अवमानना से डरता है. वे अदालत की अवमानना का हवाला देते हुए यह कहकर किसी फाइल को नहीं छूते हैं कि परेशानी खड़ी हो जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘समस्या कहां है? अदालत की अवमानना के आरोप में अब तक कितने अधिकारियों को जेल भेजा गया है? मैं यहां हूं, आप में से किसी को भी जेल भेजे जाने से पहले मैं जेल जाऊंगा.’देब राज्य के गृह मंत्री भी हैं. फिर उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, ‘और मैं पुलिस को नियंत्रित करता हूं. अधिकारी इस तरह हालात का हवाला दे रहे हैं जैसे कि अदालत की अवमानना कोई बाघ हो! मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं बाघ हूं. सरकार चलाने वाले के पास शक्ति होती है.
विपक्षी माकपा ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से पता चलता है कि वह न्यायपालिका का सम्मान नहीं करते हैं. माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने कहा, ‘यह दर्शाता है कि वह न्यायपालिका का सम्मान नहीं करते, जो लोकतंत्र के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है. उनके शासन में लोकतंत्र दांव पर है.’के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘यह बहुत ही आश्चर्यजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है. किसी राज्य के सर्वोच्च संवैधानिक पद की कुर्सी संभालने वाला व्यक्ति ऐसी टिप्पणी कैसे कर सकता है, जो पूरी तरह से संविधान की भावना के खिलाफ हो! यह संविधान की भावना का दुरूपयोग करना है. मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर अदालत और कानून के शासन को कमजोर किया है.
क्या ये बात देशद्रोह नहीं है?
वैसे अदालत खुद डरी डरी से दिखती है कहीं उसपे उल्टा ही जांच ना बिठा दिया जाए कहीं किसी को जज लोया न बना दिया जाए
ईस पार्टी में ईससे अधिक ज्ञान रखने वाला कोई है क्या? ईतना सभ्य और संस्कार सम्पन्न पार्टी और उसका नेता दुर्लभ है।
कोर्ट का काम सुस्त रफ्तार से होता है पता चले जब तक अवमानना के केस का निपटारा हो और जिस मुख्यमंत्री के भरोसे आपने अवमानना करने की हिम्मत की हो वो ही मुख्यमंत्री ही अपनी कुर्सी खो चुके हो तो वो किसको बचायेंगे। इसलिए सिर्फ काम संविधान और कानून के अनुसार करे।
वैसे तो आप सब पढ़े लिखे अधिकारी हो फिर भी बता रहा हूँ किसी के बहकावे में मत आना वरना ये आप को ही गवांर बता अपना पल्ला झाड़ लेगा और आपकी सारी जिंदगी की मेहनत और इज़्ज़त मिट्टी में मिल जाएगी। ये जनाब नेता है नेता का जेल जाना आना लगा रहता है।
Ab court kuch kahega kya?
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: Dainik Bhaskar - 🏆 19. / 51 और पढो »
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »
स्रोत: Webdunia Hindi - 🏆 17. / 51 और पढो »