रश्मि त्यागी के अनुसार, तीरथ सिंह रावत कहना चाहते थे कि लोग आँख बंद करके पश्चिम की संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं और अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, "संस्कृति की रक्षा करने में महिलाओं की कितनी बड़ी भूमिका है, वे इस विषय पर बोल रहे थे. उन्होंने क़रीब एक घंटे का भाषण दिया. लेकिन उसमें से सिर्फ़ एक हिस्सा लिया गया, जहाँ वे एक उदाहरण देते हैं. लेकिन उन्होंने और क्या कहा, इस पर किसी ने बात नहीं की.
Sanskriti vo hoti hai jo aap present maen jite hain, ya jo jine ki ichha rakhte hain par ji nahin sakte vo bhavishya ki sanskriti ban jati hai, ab kon kaise ji raha hai va aage kaise jina chahega ye log savyam apne vivek se tay karte hain.
एक साथ तीन चार बीवी रखने व15 साल की नाबालिग से शादी का कानूनी मान्यता विशेष समुदाय को देना? महिलाओ के संवैधानिक मौलिक व समानता के अधिकार उलंघन और महिलाओं के इज्जत से खेलवाड व दोयम दर्जा है? पर चुप्पी? अंगप्रदर्शन का विरोध किया तो नौटंकी शुरु? महीलावादी का नौटंकी छिछोरापन बंद करें
100/ Sahi he
इरानी,हेमा, मैनका क्या कहती है, ....?
Himself enjoying luxury life
जब खुद हाफ पैंट थे तब संस्कृति कहा थी ?
फटी जीन्स से चरित्र का पता लगाने वालों । ज़रा एक नज़र साड़ी पर डालकर तो देखो।
जिनकी अक्ल पर परदा पड़ा हो, उनकी नजर घुटनों पर रहती है।
व्यर्थ बात यह वस्त्र की,क्यों करते हैं आप, अपनी आँखें बंद कर,घर बैठें चुपचाप, घर बैठें चुपचाप,कहें तुम नंगे घूमो, घर में करो न प्रेम,सड़क पर जाकर चूमो, रहने को शालीन,कहे गाली खाता वह, करें ढंग की बात,कहें सब व्यर्थ बात यह। दिनेश प्रताप सिंह चौहान
लोग लड़कियों के कम कपड़े या फटी जींस पहनने पर क्यों बयान देकर फंसते हैं उन्हें तो कह देना चाहिए कि आप स्वतंत्र है कम या फटे कपड़े तो क्या निर्वस्त्र रहने का भी पूरा अधिकार है,लेकिन आधुनिकता की यह वकालत तब क्यों पिछवाड़े में घुस जाती है जब लोग अपने बेटे की बहू देखने जाते हैं?
आपनी सभ्यता दूसरो पर थोपना सबसे बड़ी नीच सोच है? हर व्यक्ति राष्ट्र को आपकी सभ्यता का सम्मान करने का अधिकार है, पक्ष्मी सभ्यता एनजीओ के थुरू भारत मै थोपी जा रही है और इसका विरोध होना चाहिए
ये वही बोल रही है ना जिसकी लडकी खुद western dress पहनती है
A professor’s lame duck effort to save her husbands obscurantist Sanghis thinking.
इतने भी क्यों पहने हैं फिर तो नंगी घूमो
चिराग़ तले अँधेरा; जिनके खुद के घर सीसे से बने हो उन्हें दूसरों पे पथर्र नही मारना चाहिए, देश-प्रदेश में और भी बड़ी सारी समस्यायें है सुधारने के लिए...!!
जो ये कहते है कि कपड़े से कुछ नहीं होता उन्हें मेरी एक सलाह है वो कपड़ा उतार कर घूमे , और जो चुतिये अर्धनग्न कपड़े का समर्थन करते है, वो अपनी बहन ,बेटी को जरूर इन्ही कपड़ो में रखते होंगे। अपने मनोरंजन के लिए , चूतिये साले
रावत जी की धर्मपत्नी का कहना है कि हमें संस्कृति पर ध्यान देना चाहिये तो क्या फटी हुई जीन्स पहनने से संस्कृति को आहत होती है। अगर आहत होती है तब गरीबों की बस्ती में जाके देखिये वहां तो बच्चे बिना कपड़े पहने ही रहते है तो वहां की संस्कृति ही खत्म हो गयी होगी। सोच बदलिये मैडम
देश भर में छिछा-लेदर होने पे मोहतरमाज़ी का बस ये लीपा-पोती वाली बोलबच्च्न है...🥸🥸
परिधान क्या बुर्का पहना दें बच्चों को? संस्कृति वो बेहतर होती है जो थोपी न जाए! भगवान की सबसे सच्ची भक्त तो वेश्या होती है, उसे भी उनका स्नेह मिलता है! मुंबई देहरादून तो भारत के वो इलाके हैं जहाँ औरत बिंदास जो चाहे पहने, उसकी मर्जी उसका जीवन! नारी का सम्मान किसी भी हालत में होगा!
इस कलयुग में किसी को सही सलाह और मसविरा देना गुना है। क्यों की धर्म ग्रंथो में पहले सें पतन लिखा हुआ है जो शुरूआत है। आगे तो समाज को कोन कौन सा रूप देखने को मिलेगा।सतयुग और कल्युग का फर्क यही है।
सारे संस्कार संस्कृति को बचाने की जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओ के जिम्मे है
पद की मर्यादा अनुरूप बयान देना बीजेपी का इतिहास नहीं.! इनकी पत्नी जो कह रहीं हैं उन्होंने वो तथ्य नहीं रखा उन्होंने ये नहीं कहा कि वो भारतीय परिधानों को बढ़ावा देंगे बल्कि पश्चिमी पहनावे को सामाजिक अश्लीलता बताने की कोशिश की.! वैसे छः महीने ही मिलें हैं काम करने के लिए Focus.
Inki to akal hi fati huee hai
Pancho ungaliyan barabar nahi hoti manushya ki,parivartanshilta ek prakriti ki neyti hai ise koi roke nahi sakta,sabhi rango k pushpon se upvan bante hai,rss ki nekkar bhi tau paschimi hai.RSS k atiutsahit logon ko Kutch Bhartiya jameen ka dhyan rakhna chahiye?pati-patni aur voh?
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क्या तीरथ और उनकी पत्नी मूलरूप से भारतीय संस्कृति के परिधान पहनती हैं?
Hamare guru ye bhi boltey hein ki galti hai to mafi mang lene se insaan chota nai ho jata.
सही कहा है
मैं तो सोच रहा था ये भी बिना पत्नी वाले ही होंगे धोखा हो गया
मैं तीरथ सिंह रावत के बयान का समर्थन करता हूं।
पत्नी हैं, बचाव करना उनकी प्रतिबद्धता है। भारतीय नारी होने के कारण पत्नी धर्म का निर्वाह करना विवशता है।
आप लोगों का मन गंदगी से भरा हुआ है। इसलिए जबरदस्ती बयान को सही न करें
बेहुदी बाते करते हुए शर्म आनी चाहिए तीरथ रावत जी
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