तालिबान के काबुल पर काबिज होने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेश अफगानिस्तान की महिलाओं की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। यूरोपिय देशों के साथ-साथ करीब 20 और देशों ने एक साझा बयान जारी कर महिलाओं के अधिकारों और उनकी आजादी सुनिश्चित करने की बात कही है।
तालिबान के कट्टर शासन के इतिहास को देखते हुए इस रिपोर्ट में हम कुछ मुस्लिम बहुल देशों जैसे मिस्र, ईरान, सऊदी अरब की महिलाओं के अधिकारों की स्थिति और उनके हालात पर एक नज़र डालने की कोशिश करते हैं। साथ ही यह समझते हैं कि कानून की नजर में उन्हें समानता का क्या अधिकार हासिल हुआ है? लेकिन पहले यह जान लीजिए कि 2001 से पहले जब तालिबान का अफगानिस्तान पर शासन था तो महिलाओं की जिंदगी कैसी थी?उन्हें पढ़ने की इजाजत नहीं थी।घर की बालकानी या छत पर जाना मना था।अब बात करते हैं अन्य मुस्लिम बहुल देशों कीदेश के...
इस रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी कानून और व्यवहार में महिलाओं के लिए साफ तौर पर भेदभाव मौजूद है। विवाह, तलाक, रोजगार और संस्कृति सहित जीवन के हर पहलू में, ईरानी महिलाएं पाबंदियों के घेरे में हैं। उन्हें अपने हर कदम के लिए पति या पैतृक अभिभावकों से अनुमति लेने की जरूरत होती है। ईरान में अगर पति को लगता है कि उसकी पत्नी ने नौकरी करना शुरू कर दिया है या वह देश के नागरिक संहिता के अनुसार व्यवहार नहीं कर रही है तो पति उसे काम करने से रोक सकता है। पत्नी की अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधित कर सकता...
अफगानिस्तान की टीवी पत्रकार शबनम दावरान ने तालिबान के इरादों की कलई खोल दी है। शबना दावरान ने दुनिया को बता दिया है कि तालिबान ने उन्हें काम करने से रोक दिया है। शबनम से बताया कि तालिबान ने उनसे कहा- तुम एक महिला हो, अपने घर जाओ। तुम यहां काम नहीं कर सकती। इससे पहले अमेरिकी मीडिया हाउस सीएनएन चीफ इंटरनेशनल रिपोर्टर क्लैरिसा वार्ड हिजाब में नजर आईं थीं।
हक से लड़ो तालिबान से
मुस्लिम देशों में लड़की और महिलाएं नंगी नहीं घूमने नहीं दिया जाता है , इसलिए दूसरे देश परेशान हैं , जहां घूमने मिलता है ,तो रोज रेप हो रहे हैं ,जो लोग औरतों की आजादी की बात करके उनके हक की बात करते हैं , वो लोग ही रेप के आरोपी हैं , उत्तर प्रदेश में में देख लो
मुस्लिम राज बड़े शर्म की बात है मुस्लिम कट्टरपंथी लोग इस तरह की हरकतें कर रहे हैं तालिबान तो एक संगठन है लेकिन जो कट्टरपंथी है वह मुस्लिम है
विलकुल
Please say something khanumarfa Ji! Open your mouth and raise your voice against talibani forces makin lives of women, even minor girls, a hell. Or your area is limited to Shaheen Bagh?
आतंकवादियो का अफगान पर कब्जा। नेता और व्यूरोक्रेट्स भ्रष्टाचार में लगे रहे यहाँ तक कि अफगानी सैनिकों की भी परवाह नही की। हथियारों और धन से कमजोर हो चुके अफगान सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया। अफगान को भ्र्ष्टाचार निगल गया-भगवा परिषद
M bhi jana chata hu qki m bhi बेरोजगार hu
भारत में आतंक के बलबूते पर सम्राजय खड़ा करने वाली नापक् ताकतों का समर्थन करने वाले सत्ता के लोभी राजनेतिक दलों और नेताओं की कमी नही है जो पाकिस्तान के साथ अलगाववादियों आतंकवादियों का समर्थन करते हैं हिंदुस्तानी तय करना है वो कैसी सरकार चाहते हैं आतंकवादी समर्पित या देशहित समर्पित
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