यह भी पढ़ेंजेएनयू और जामिया के छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और आसिफ़ इक़बाल तनहा को ज़मानत देते हुए दिल्ली हाइकोर्ट ने यह जो टिप्पणी की है, वह निश्चय ही कुछ तसल्ली देने वाली है. अदालत के पूरे फ़ैसले में ऐसी कई टिप्पणियां हैं जिनसे पता चलता है कि इस देश की संवैधानिक संस्थाओं की रक्षा का दायित्व जिन लोगों पर है, उनमें से कुछ को अब भी अपना संविधान और अपना लोकतंत्र याद है.
ये लोग कैसे दंगाई हैं? दिल्ली पुलिस ने इन्हें लाठी चलाते, आग लगाते, किसी को मारते नहीं देखा. उसने इनके कुछ भाषण देखे जिनमें विरोध प्रदर्शन की बात थी, हिंसा भडकाने की भी नहीं. अदालत ने कहा कि पुलिस ने जो 'सबूत' पेश किए हैं, उनमें कहीं भी हिंसा भड़काने की बात नहीं आ रही, ज़्यादा से ज़्यादा विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम की आ रही है जिसे आतंकवादी या हिंसक या राष्ट्रविरोधी कार्रवाई नहीं माना जा सकता.
यह चुपचाप लोगों की पहचान बदलने का खेल है. सरकार ने अपने नागरिकों को अपराधियों में बदल डाला है. यह काम बिल्कुल सुचिंतित ढंग से किया जा रहा है. जो भी सरकार का विरोध कर रहे हैं, वे अपराधी हैं. दिल्ली दंगों के मामले को सुविचारित ढंग से नागरिकता संशोधन क़ानून विरोधी आंदोलन से जोड़ा गया. जिन लोगों ने इस क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया, उन्हें दंगाई, नक्सली, अपराधी बना दिया गया. महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव केस में कई लेखक-बुद्धिजीवी जेल के भीतर हैं.
यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में हमने कई संस्थाओं का औपचारिक-अनौपचारिक अवमूल्यन होते देखा है. चुनाव आयोग से लेकर न्यायपालिका तक से हमारी शिकायतें बढ़ी हैं. मीडिया के बड़े हिस्से में वह बौद्धिक क्षमता या अपनी स्वतंत्रकता का गुमान ही नहीं बचा है जिसमें वह निर्भीक होकर अपनी बात रख सके. पुलिस तंत्र तो एक तरफ़ बरसों नहीं, दशकों की जड़ता का शिकार है और दूसरी तरफ़ राजनीतिक नेतृत्व के लठैतों की तरह बरताव करने को अपना कर्तव्य मानता है.
लिंचिंग, नरसंहार, मस्जिद तोड़ना, दाढ़ी काटना, साजिश के तहत जेल में बंद करना ये सब पिछले 70 वर्षों से फॉर्मेट बदल बदल कर ज़ुल्म पर जुल्म मुसलमानों पर हो रहा है… खैर वो तो कहते हैं कि 'दुनिया में सबसे अधिक खुश भारत में मुसलमान हैं'
India needs an educated Prime minister , who does not believe in casteism .
172 days elapsed. daily live telecast of Kapil on BBC, cnn, fox News, CNBC, all channels not happen. free media deleted. yell live world media taken for a ride, by world leaders
भारतीय लोकतंत्र तानाशाह का गुलाम,,,,,
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