सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी से निपटने के तौर तरीकों को लेकर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए कथित तौर पर बनाई गई टूलकिट की प्रारंभिक जांच का अनुरोध करने वाली याचिका पर विचार करने से सोमवार को इन्कार कर दिया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा, यदि आप टूलकिट को पसंद नहीं करते हैं तो आप इसे नजरअंदाज कर दीजिये। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले...
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक पीठ ने याचिका दायर करने वाले वकील शशांक शेखर झा से कहा, यह राजनीतिक दुष्प्रचार का हिस्सा है और यदि आप इसे पसंद नहीं करते हैं तो इसे नजरअंदाज करें। झा ने कथित टूलकिट का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय स्वरूप जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। पीठ ने कहा, भारत एक लोकतंत्र है। न्यायालय ने कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत याचिका में इस तरह की राहत नहीं दी जा सकती। पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा, हमें अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका में निर्देश क्यों जारी करना चाहिए? लोगों के पास फौजदारी कानून में इसके लिए उपाय हैं। आप इसे वापस ले सकते हैं।गौरतलब है कि भाजपा ने कोरोना महामारी से निपटने के तौर तरीकों को लेकर देश और प्रधानमंत्री की छवि खराब करने के लिए कांग्रेस पर टूलकिट बनाने का आरोप लगाया था। हालांकि, कांग्रेस ने यह आरोप खारिज कर दिया था और इसके...
वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 'कांग्रेस टूलकिट मामले' के संबंध में ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी से पूछताछ कर चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस की टीम ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी से पूछताछ करने के लिए बेंगलुरु गई थी। हालांकि इस पूछताछ को लेकर कोई भी जानकारी मीडिया से साझा नहीं की गई है।खबरों में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट...
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