ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में जानिए 10 बातें

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मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के लिए मुश्किल खड़ी करने वाले सिंधिया, राहुल गांधी के बेहद क़रीबी माने जाते रहे हैं.

कांग्रेस पार्टी महासचिव और युवा नेताओं में एक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ठीक होली के दिन पहले पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया, जिसके बाद वहां की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल गहरा गए हैं.इधर कांग्रेस ने तुरंत प्रभाव से ज्योतिरादित्य कोका ऐलान कर दिया है. इसके बाद अब उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज़ हो गई हैं.

ज्योतिरादित्य केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकारों में मंत्री रहे. 2007 में उन्हें संचार और सूचना तकनीक मामलों का मंत्री बनाया गया, 2009 में वे वाणिज्य व उद्योग मामलों के राज्य मंत्री बने और 2014 में वे ऊर्जा मंत्री बने.सिंधिया देश के सबसे अमीर राजनेताओं में गिने जाते हैं जिनकी संपत्ति 25,000 करोड़ रुपए आंकी जाती है जो उन्हें विरासत में मिली. उन्होंने इस संपत्ति का स्रोत क़ानूनी उत्तराधिकार बताया है जिसे उनके परिवार के दूसरे सदस्यों ने अदालत में चुनौती दी है.

मध्य प्रदेश में विधान सभा चुनाव के दौरान हुई रैलियों में ज्योतिरादित्य सिंधिया को राहुल गांधी और कमल नाथ का भी साथ मिला था. सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस आला कमान ने उनकी बात मान ली थी और उन्हें आधे से अधिक विधायकों का समर्थन साबित करने को कहा था. वो केवल 23 विधायकों का समर्थन ही साबित कर सके जिसके बाद प्रदेश का मुख्यमंत्री कमलनाथ को बनाया गया.कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ ज्योतिरादित्य की नज़दीकी कई मौक़ों पर साफ़ दिखाई दी. 2014 के चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद भी दोनों नेता कई बर साथ दिखे.

पार्टी के भीतर ये भी चर्चा रही है कि ज्योतिरादित्य चाहते थे कि मध्य प्रदेश से पार्टी उन्हें सांसद बना कर राज्यसभा में भेजे, लेकिन मध्यप्रदेश से दिग्विजय सिंह के बाद एक बार फिर उन्हीं को या फिरइमेज कॉपीरइटमध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के ख़िलाफ़ ज्योतिरादित्य कई मुद्दों को लेकर लगातार बोलते रहे हैं.

सिंधिया के इस्तीफ़ा देने से पहले उनके क़रीबी माने जाने वाले पार्टी के कम से कम 17 विधायकों को बेंगलुरु या गुरुग्राम ले जाया गया. इस घटना ने कमलनाथ सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ा दीं.इसके बीद अटकलें लगाई जाने लगीं कि कमलनाथ की सरकार में विधायकों के भीतर फूट पड़ गई है.

 

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ये वही सिंधियां खानदान है,जो झाँसी की रानी की हत्या मे अंग्रेजो का साथ दिया था। नही तो इतिहास कुछ और होता।

चमचे कन्फ्यूज है रंग लगाएं या बरनोल 😅😅 मध्यप्रदेश 👌

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