ये पूरी घटना क्या थी, जानने के लिए बीबीसी ने एबीवीपी के घायल छात्रों और आइशी घोष दोनों पक्षों से बात की.एबीवीपी से जुड़े छात्र शिवम चौरसिया ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि ये घटना पांच जनवरी की ही है.
"मैं पेरियार हॉस्टल के पास आकर छिप गया. वो भीड़ भी यहां आ गई और बहुत हंगामा हुआ. जब मुझे लगा कि सबकुछ सामान्य हो गया है तो मैं बाहर निकला और हॉस्टल के बाहर वाली जूस की दुकान पर गया."जेएनयू छात्र और एबीवीपी कार्यकर्ता मनीष जांगिड का कहना है कि इस दौरान उनके साथ भी मारपीट हुई, जिसमें उनके हाथ में फ्रेक्चर हो गया.
"फिर एक घंटे बाद पुलिस आई, पुलिस भी ठीक तरह से सहयोग नहीं कर रही थी. उसके बाद कुछ लोगों ने एम्बुलेंस बुलाई और छह बजे तक हम सब लोग एम्स अस्पताल चले गए."पांच तारीख को सुबह से ही हमने रेजिस्ट्रेशन बायकॉट करने की अपील की हुई थी. जेएनयूएसयू के हम सभी ऑफिस बियरर स्कूल में थे. कुछ छात्रों ने हमें आकर कहा कि यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि के तौर पर आप कुछ क्यों नहीं करते. उसी वक्त मैंने पुलिस को इस सब की जानकारी दी और हस्तक्षेप की मांग की.
तब मैंने छात्रों से बात की और उन्हें कहा कि यहां से हटना है और इन सब चीज़ों में नहीं पड़ना है. मैंने छात्रों को डांटा भी. हमें इसी चीज़ का डर था और इसके डेढ घंटे बाद करीब पोने सात बजे कुछ छात्र फिर से दौड़ने लगे. उस वक्त भी मैंने अपने साथ के छात्रों को डांटा भी. कुछ नकाबपोश भी वहां आ गए. उन्होंने ही मुझ पर हमला किया.
जेएनयू भारतके वामपंथीयोका अड्डा है जहां उनके सारे देशविरोधी काम खूलेआम चलते हैं जिसमें भारतके सिकूलर,खबरंडी और मुल्ले पूरा साथ देते हैं.अब समय आ गया है इसे हमेशा के लिए बंद कर दें.
RSS, ABvp
Or ye middle kaha par hai......... Inaka middle jo ki heart hai womar Chuka hai
Violence is synonym to communist philosophy. Armed struggle is their way to topple govt. That's why it is misfit in democratic environment.
आप कितने बड़े डॉक्टर ,खिलाड़ी,नेता अभिनेता क्यों ना हो,यदि आपके चरित्र में देश प्रेम नहीं है तो तुम दो कौड़ी के इंसान भी नहीं हो।
AMU: Anti national. JNU: Anti national. Jamia: Anti national. Hyderabad Uni: Anti national. DU: Anti national. Jadavpur Uni: Anti national. Protesting campus: Anti national. Seems the only nationalist universities in India are JIO university and WhatsApp university
Sab inhi Baltimore hai
देश विरोधी तत्वों की नागरिकता खत्म कर देनी चाहिए जिससे वो कहींके न रहें!
पुराने दौर में पुलिस आते ही दंगाई भाग जाते थे! जेएनयू में नया देखने मिला पुलिस की सुरक्षा में दंगल शुरू हुई , और कमाल यह सैकड़ों वीडियो क्लिप्स देने के बावजूद भी कोई गिरफ्तारी नहीं अभी तक, और जख्मीयों पर केस दर्ज हो रहे हैं । पीटने वाले गायब ,
Wah media bhi kya dhang se manage kar rkha hai in gaddar libralo ne
लेफ्ट या वामपंथी सबसे बड़े गद्दार होते हैं , ये सिर्फ सत्ता चाहते हैं और सत्ता मिलते ही दमन करना शुरू कर देते हैं। इसी कारण अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन सभी ने इन पर अंकुश लगाया हुआ है।
Why IIT And IIM students are not involved in protesting.. They are more educate and intelligent than JNU, JAMIA. AMU.. Universities.. सोच लो इन universities में students kitne पढे लिखे और समझदार हैं 😜
इससे राइट वाले पूछ रहे कि इसका तो सर फोड़ा था, हाथ कैसे टूटी?😊😊😊
Left ideology is based on violence!! See their past in Europe and Russia see their present in China and West Bengal .
Fake bandage. No hurt no harm no cuts no scar. This is show make up.
शुरुआत किसने की बच्चों के भबिष्य से खेलने की किसने राइट दिया है जो इंटरनेट के तार काटे गये रजिस्टेशन करने वाले बच्चों को रोका गया उनको पीटा गया उनका नाम क्यों नहीं लिया जा रहा है
Only right wing delhi police and tadipar
Haa lekin suru jisne kiya wo jada jimmedar
Ye baat sahi kahi
इस प्रकार का खबर भारतीय मीडिया जगत देती है आप सबों को क्या हो गया है,आपका मीडिया में एक अलग स्थान है इसको खराब नहीं करें, ऐसा लगता है कि आप भी इन्हीं के खबर को चलाते है! खबर में पारदर्शिता लाएं क्यूंकि हमलोग झूठ बोलने वालों को उनके प्रदर्शन से जान लेता हूँ l
किसी भी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय मे प्रवेश हम क्यो लेते है ? यदि इसका उत्तर आप अपने आपसे पूछेंगे तब आप खुद आश्चर्य करेंगे । उच्च शैक्षणिक संस्थान केवल उच्च शिक्षा के लिए होना चाहिए, न कि गुन्डा-गर्दी, टुकड़े-टुकड़े गैंग तथा असामाजिक तत्व के क्रियाकलाप के लिए ।
Only LeftAttacksJNU
Pahal karewala jyda doshi ...left new admission jne walo ko peet rha tha or battameezinkar rha tha ..lagatar char din se ..
यहाँ एक समस्या और है कि अगर पुलिस के इनवेस्टिगेशन में लेफ्ट वाले दोषी पाये गए तो पुलिस को डरा हुआ कहेंगे और अगर कोर्ट ने भी लेफ्ट के विरुद्ध फैसला दिया तो जज को भी डरा हुआ कहेंगे क्योंकि लेफ्ट वाले जो कहते हैं वही फैसला होना चाहिए।
लेफ़्ट और राइट कुछ नहीं , ये तो हमने बना दिया , क्या , जो लोग अपने अधिकार की जंग लड़ रहे आज उन्ही को आपने लेफ़्ट बना दिया और उन्ही को फिर आपने टुकड़े गैंग की पहचान दे दी . देश तो अनपढ़ और तड़ीपार चला रहे . पर जो ख़ुद को पढ़े लिखे कहेते उनसे हम क्या उम्मीद कर सकते ....?
हमलावर देश विरोधी है आतंकी हैं..
दीपीका पदुकोन पठीलीखी नही है आज साबीत कर दीया
And you kept blaming the government out of context..
सिर्फ सरकार
गजब है देश के हुकूमरान, जो पुलिस साहेब के भतीजी का पर्स चार घंटे में ढ़ुढ़ लिया पर अभी तक JNU में हिंसा करने वाले अभी तक गिरफ्तार नही पर उलटा हिंसा में घायल पीड़ित पर ही FIR!
इसका academic चाल चलन कैसा है ? मतलब क्या पढ़ रही है ? कैसा पढ़ रही है ? क्या rank आती है ? ये मैं नहीं, पूछता है भारत. Republic_Bharat
Close JNU AMU and JAMIA.
only left
सिर्फ राइट ही हिंसा की जिम्मेदार है ।कमजोर का कोई नही होता।सुप्रीम कोर्ट के जज तक जब डरे हुए हैं तो कमजोर से लेफ्ट की किया हैसियत जो दुनिया के सबसे ताकतवर राइट को मारे।लोगो को खुलेआम मारा जा रहा है और जब लोग कोर्ट जा रहे हैं कि साहब हमे बचा लो तो कोर्ट आँखो पर पट्टी बांधे हुए है।
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