चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही दर में कम हुई आर्थिक वृद्धि दर में आई गिरावट के बीच बीते सोमवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में कहा कि जीडीपी प्रासंगिक नहीं रह जाएगा. जीडीपी से ज्यादा जरूरी ये है कि लोग खुश हैं या नहीं.उन्होंने कॉरपोरेट कर में कटौती से जुड़े संशोधन वाले ‘कराधान विधि विधेयक 2019’ पर चर्चा के दौरान यह टिप्पणी की.की रिपोर्ट के अनुसार निशिकांत दुबे ने कहा, ‘जीडीपी वर्ष 1934 में लाई गई. इससे पहले जीडीपी नहीं थी.
निशिकांत दुबे ने कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को उद्धृत करते हुए कहा कि यह दौर सतत आर्थिक विकास का है और इस पैमाने पर मोदी सरकार पूरी सफलता से काम कर रही है. पर रह गई है. देश में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन के चलते ऐसा हुआ है. एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी. वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी.
😄😄 gadhe he gadhe😃
Chutiya ho kaya
मूर्खो मे कम्पटीशन चल रहा है कि कौन सबसे बड़ा मूर्ख है
🤣🤣🤣🤣
Yes Its BJP product
इन अनपढों को जीडीपी से क्या मतलब।
Kon sa company ka gaanja pitaa h lol
तुम ज़ाहिल हो क्या
आप लोग भी कैसै बैसुरी डफ़ली ठोक रहें हैं। जनता बेकूफ नही है जिसनें देश की बाग डोर दिया है।वही लोग पैदल चलने पर मजबूर कर दिया करते हैं। जमानें सेजरा डरा करो कहीं दामन पर...।। जय श्री कृष्ण।।
कौन से ब्रांड का गांजा पीते है ये लोग 🤣🤣🤣🤣
अबे देख बीजेपी के नेता का चमकता चेहरा, और लीब्रण्डुओं का चेहरा, कम्युनिस्टों की गांड में घुसा हुआ
On every branch owl is sitting & he is one.
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