जीडीपी आधार वर्ष बदलने पर मची है खींचतान, ऐसे पड़ता है अर्थव्यवस्था पर असर

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जीडीपी आधार वर्ष बदलने पर मची है खींचतान, ऐसे पड़ता है अर्थव्यवस्था पर असर GDP FinMinIndia nsitharaman

सांख्यिकी और कार्यक्त्रस्म क्त्रिस्यांवयन मंत्रालय सकल घरेलू उत्पाद गणना की नई सीरीज के लिए नए आधार वर्ष पर निर्णय लेगा। आर्थिक विकास दर की गणना के लिए मंत्रालय 2017-18 को नया बेस ईयर बनाने पर विचार कर रहा है। इस बारे में गठित विशेषज्ञों की समिति अभी और आंकड़ों का इंतजार कर ही है। भले ही इस मामले में अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है लेकिन विपक्ष तो निशाना साध ही रहा है और कुछ अर्थशास्त्री भी इस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। आखिर क्या करना चाह रही है और इसके क्या मायने हैं, जानिए...

सरकार समय-समय पर आधार वर्ष में बदलाव इसलिए करती है ताकि अर्थव्यवस्था के बारे में आंकड़ों का दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं से तालमेल रखा जा सके। इसे अर्थशास्त्री भी जरूरी मानते हैं। ऐसा माना जाता है अर्थव्यवस्था के सही आकलन के लिए हर पांच साल पर बेस ईयर बदल देना चाहिए। साल 2015 में सरकार ने जीडीपी सीरीज का बेस ईयर 2004-05 से बदलकर 2011-12 कर दिया था।पिछले साल सरकार ने जीडीपी में गणना के तरीके में कुछ बदलाव कर दिया था, जिसको लेकर विवाद हो गया था। असल में सरकार ने कहा था, बेस ईयर बदलने के बाद उसके...

इसके पहले साल 2015 में सरकार ने जीडीपी की गणना के तरीके में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव भी किए थे। इसके पहले तक जीडीपी को नापने के लिए कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र को जगह दी जाती थी। इसके तहत कृषि क्षेत्र में पशुपालन, मछली पालन, बागवानी और अन्य कई सेक्टरों को जोड़ दिया गया, जिससे कृषि क्षेत्र में उत्पादन का आंकड़ा बढ़ गया। ठीक इसी तरह से उत्पादन क्षेत्र में पहले टीवी और स्मार्टफोन से आने वाले पैसे को जगह नहीं दी जाती थी। 2015 में हुए बदलाव में इन सेक्टरों को भी शामिल किया गया है। इसे लेकर भी आलोचकों...

सरकार समय-समय पर आधार वर्ष में बदलाव इसलिए करती है ताकि अर्थव्यवस्था के बारे में आंकड़ों का दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं से तालमेल रखा जा सके। इसे अर्थशास्त्री भी जरूरी मानते हैं। ऐसा माना जाता है अर्थव्यवस्था के सही आकलन के लिए हर पांच साल पर बेस ईयर बदल देना चाहिए। साल 2015 में सरकार ने जीडीपी सीरीज का बेस ईयर 2004-05 से बदलकर 2011-12 कर दिया था।पिछले साल सरकार ने जीडीपी में गणना के तरीके में कुछ बदलाव कर दिया था, जिसको लेकर विवाद हो गया था। असल में सरकार ने कहा था, बेस ईयर बदलने के बाद उसके...

 

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