जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप इन ग्रहों के चारों ओर वायुमंडल के संकेतों की तलाश करेगा। इसका मकसद यह जानना है कि वो जीवन के लिए कितने काम के हो सकते हैं।एक इलेस्ट्रेशन के जरिए नासा ने इस सिस्टम के सभी सात ग्रहों को दर्शाया है। इसमें तारों से ग्रहों की दूरी के आधार पर उन्हें चित्रित किया गया है।खोज के पांच साल बाद भी यह सिस्टम एक पहेली हैजब भी बात अंतरिक्ष में चल रही खोजों की आती है, तब यह सवाल जरूर उठता है कि क्या पृथ्वी के बाहर कहीं जीवन संभव है। वैज्ञानिक कई वर्षों से ऐसे ग्रहों की तलाश...
नासा की ओर से शेयर की गई एक पोस्ट के अनुसार, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप इन ग्रहों के चारों ओर वायुमंडल के संकेतों की तलाश करेगा। इसका मकसद यह जानना है कि वो जीवन के लिए कितने काम के हो सकते हैं।TRAPPIST-1 सिस्टम अपने तारे के चारों ओर सात ग्रहों को दर्शाता है। एक इलेस्ट्रेशन के जरिए नासा ने इस सिस्टम के सभी सात ग्रहों को दर्शाया है। इसमें तारों से ग्रहों की दूरी के आधार पर उन्हें चित्रित किया गया...
नासा की वेबसाइट के अनुसार, TRAPPIST-1 सिस्टम की खबर पहली बार 22 फरवरी 2017 को सामने आई थी। खोज के पांच साल बाद भी यह सिस्टम एक पहेली है। नासा के मुताबिक, उनके इस पास इस ग्रह प्रणाली के बारे में कुछ जानकारी है। यह पृथ्वी से 41 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। अध्ययनों से पता चलता है कि TRAPPIST-1 के ग्रह चट्टानी हैं और वो हमारे सौर मंडल से दोगुने पुराने हो सकते हैं।
नासा के अनुसार, ‘जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप' एक ‘गेम-चेंजर' है। यह अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया सबसे बड़ा टेलीस्कोप है, जो TRAPPIST-1 सिस्टम के ग्रहों के वायुमंडलीय संकेतों की तलाश करेगा। साइंटिस्ट इस सिस्टम के उस इलाके पर फोकस करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे गोल्डीलॉक्स क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। जीवन के लिहाज से इसे सबसे बेहतर जोन माना गया है। नासा के अनुसार, टेलीस्कोप का टार्गेट TRAPPIST-1 सिस्टम के तारे की परिक्रमा करता चौथे नंबर का ग्रह है। इसे TRAPPIST-1e कहा जाता है। यह...
हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
अफगानिस्तान के लोगों की मदद के लिए भारत से गेहूं की पहली खेप रवानाभारत ने अफ़गानिस्तान की जनता के लिए मानवीय मदद के तौर पर 50,000 मीट्रिक टन गेहूं देने का जो फ़ैसला किया था उसे भेजा जाना शुरू हो गया है. गेंहू पाकिस्तान के रास्ते से अफ़ग़ानिस्तान पहुंचना है इसलिए तौर तरीका तय करने में लंबा समय लग गया. विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने गेंहू की खेप को झंडी दिखाकर रवाना किया. गेहूं की खेप ले जाने के लिए आए एक अफगान ने इस भारतीय मदद पर खुशी जताई. कुछ इस कदर जालिम ने हमारे अहसानों का सिला दिया... हमने गेहूं भेजे उन्हों ने बम ब्लास्ट और विमान हाई जेक करवा दिया ये भी किसान ने ही पैदा किया
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
जम्मू: केंद्रीय मंत्री के घर के बाहर नियमितीकरण, बकाये की मांग कर रहे कामगारों पर लाठीचार्जपिछले दो दशकों से विभिन्न विभागों में काम कर रहे 60,000 से अधिक दिहाड़ी कर्मी, आकस्मिक कामगार और अन्य कर्मचारी नौकरी नियमित करने व लंबित बकाया राशि जारी करने समेत कई मांगों को लेकर जम्मू और श्रीनगर में नियमित रूप से प्रदर्शन करते आ रहे हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि वे सरकार के जिद्दी, कर्मचारी विरोधी रवैये से आजिज़ आ गए हैं. भाजपा नेताओं ने उन्हें सिर्फ बेवकूफ़ बनाया है. lol
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »
लखीमपुर खीरी हिंसा: आशीष मिश्रा की ज़मानत के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मृत किसानों के परिवारलखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली ज़मानत के ख़िलाफ़ दायर याचिका में कहा गया है कि इस मामले में स्थापित क़ानूनी मानदंडों के विपरीत अनुचित और मनमाना निर्णय दिया गया, जहां अपराध की जघन्य प्रकृति पर विचार किए बिना ज़मानत दी गई. आशीष मिश्रा को कोर्ट से निर्दोष रिहा किया गया अब मृत परिवार की सुनवाई होगी?
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »
रोहित शर्मा की कप्तानी के मुरीद आस्ट्रेलिया के दिग्गज, कहा- दबाव में भी बेफिक्र रहते हैंआस्ट्रेलिया के पूर्व आलराउंडर शेन वाटसन ने भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा केे कप्तानी की प्रशंंसा की है उन्होंने रोहित के दबाव वाले मैच में भी सहज रहने की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि वो मैदान पर अपना काम बखूबी जानते हैं।
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »
वैश्विक राजनीति के 'ब्लफमास्टर' पुतिन की कहानी, जानिए वे दुनिया के सभी नेताओं से अलग क्यों?क्या आपको पता है कि आखिर पुतिन के साथ दुनिया के किसी भी देश के लिए डील करना इतना मुश्किल क्यों है? अब तक अमेरिका के 5 राष्ट्रपति, पुतिन के साथ डील कर चुके हैं, लेकिन अमेरिका का कोई भी राष्ट्रपति उन्हें आज तक सही से नहीं समझ पाया है. sudhirchaudhary sudhirchaudhary भारत के लिए नहीं है sudhirchaudhary संभल के बात करना सुधीर जी नही तो ये russia है समझा देगा बाद में तुझे अच्छा से
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »
जब पुतिन के सामने लड़खड़ाने लगी रूसी ख़ुफ़िया एजेंसी के चीफ़ की ज़ुबान - BBC News हिंदीदोनेत्स्क और लुहान्स्क पर रूस की एक सुरक्षा बैठक में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का रवैया ऐसा था कि खुफिया एजेंसी के चीफ़ सहम गए. इस बैठक का ब्योरा, पढ़िए
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »