विभिन्न दलों द्वारा समय-समय पर जातीय जनगणना की मांग उठती रही है। सरकार ने संसद में स्पष्ट किया कि 2021 की जनगणना में 1951 से चली आ रही नीति नहीं बदलेगी। केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों की गणना होगी, क्योंकि संविधान लोकसभा और विधानसभाओं में उनकी जनसंख्या के अनुपात में सीटों के आरक्षण का प्रविधान करता है। आखिर अन्य जातियों की गणना में समस्याक्या है? हिंदू समाज की समस्या जातियां नहीं, बल्कि ऊपरी सोपान पर स्थित जातियों को निचले सोपान पर स्थित जातियों से श्रेष्ठ मानने की है। इसीलिए आंबेडकर...
भारत में 1881 से जो दशकीय जनगणना शुरू हुई, उसमें 1931 तक जातियों की गणना होती रही। तत्कालीन जनगणना आयुक्त डा.
भारत में जातियां केवल सामाजिक इकाइयां नहीं हैं। उनकी राजनीतिक और व्यावसायिक पहचान भी है। इसीलिए पार्टियां उन्हें वोट बैंक समझती हैं। लोहिया ने दलित-पिछड़ों को मिलाकर राजनीति करने की असफल कोशिश की। कांशीराम ने बामसेफ और डीएस-4 द्वारा दलित-पिछड़ा वर्ग, महिला-मुस्लिम को मिलाकर राजनीति करने का प्रयास किया, लेकिन मुलायर्म ंसह और मायावती की कटुता से वह प्रयोग भी सफल नहीं हुआ। 2014 में भाजपा ने जब लोकसभा चुनावों की कमान नरेंद्र मोदी को सौंपी, तब एक मौलिक परिवर्तन हुआ। ‘पहचान की राजनीति’ पर...
ओबीसी गणना का मुद्दा आरक्षण से जुड़ा है और आरक्षण सामाजिक न्याय से। भारत सरकार द्वारा गठित रोहिणी आयोग की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय सूची की 2633 ओबीसी जातियों में 27 प्रतिशत ने 97 प्रतिशत नौकरियां पाई हैं, जबकि 983 पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ शून्य है। इसीलिए काका कालेलकर और मंडल आयोग दोनों में ओबीसी के उपवर्गीकरण की बात उठी थी। कर्नाटक, आंध्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, झारखंड, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र और बंगाल आदि में नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में ओबीसी उपवर्गीकरण लागू है। वर्ष 2000...
अनेक राज्यों में जातिगत जनगणना होती रही है, लेकिन 2018 में संविधान के 102वें संशोधन से अनुच्छेद-342 ए जोड़ा गया, जो केंद्र और राज्यों में ओबीसी सूची बनाने का एकाधिकार राष्ट्रपति अर्थात केंद्र को देता है। इस परिप्रेक्ष्य में ही सुप्रीम कोर्ट ने मई 2021 में राज्यों द्वारा ओबीसी सूची बनाने का अधिकार खत्म कर दिया। मोदी सरकार ने संविधान में संशोधन कर राज्यों का यह अधिकार बहाल कर दिया, जो न्यायसंगत तो लगता है, मगर संविधानसम्मत नहीं, क्योंकि संविधान की सातवीं अनुसूची में संघीय सूची क्रमांक 69 में...
DrAKVerma9 BJP4India INCIndia श्रेष्ठ माना जाता है तो क्या हुआ हैं तो हिंदुस्तान ही
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