यहाँ चुनाव प्रचार महामारी की वजह से नहीं बल्कि चरमपंथ और राजनीतिक हिंसा में इजाफा होने से चुनौतीपूर्ण रहा. कम से कम नौ बीजेपी कार्यकर्ताओं की संदिग्ध चरमपंथियों ने इस साल हत्या की है.
दक्षिणी कश्मीर के जिले पुलवामा से बीजेपी के उम्मीदवार नज़ीर अहमद डार बताते हैं, "मुझे कहीं भी जाने के लिए पुलिस को पूर्व सूचना देनी होती है. पुलिस को जब लगता है कि वहाँ जाना सुरक्षा के लिहाज से ठीक है तब वो मुझे पुलिस की सुरक्षा में वहाँ जाने की इजाज़त देते हैं. मैं पुलिस को इसके लिए जिम्मेवार नहीं ठहरा सकता. वो हमारी सुरक्षा के लिए ही ऐसा कर रहे हैं."
लेकिन प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि किसी भी उम्मीदवार को चुनाव प्रचार करने से रोका नहीं गया है. प्रत्येक उम्मीदवार को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है.मतदान केंद्रों पर भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं और मतदान से पहले मतदाताओं की तलाशी ली जा रही है. शोपियाँ के केलेर निर्वाचन क्षेत्र के बाहर तैनात अधिकारी ने कहा, "हमें सर्तक रहना है."
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।