जब तक मजदूरों की राजनीतिक आवाज मजबूत नहीं होगी तब तक उनकी बेहतरी नहीं हो सकती

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Analysis - जब तक मजदूरों की राजनीतिक आवाज मजबूत नहीं होगी तब तक उनकी बेहतरी नहीं हो सकती Coronavirus COVID_19 MigrantWorkers IndianPolitics poetbadri

प्रश्न यह है कि उनकी राजनीति कैसी होगी? क्या उनके भीतर से कोई नेतृत्व उभरेगा या राजनीतिक दल उनकी आवाज बनेंगे अथवा ट्रेड-यूनियन की थकी-हरी राजनीति उनका सहारा बनेगी? इतना तय है कि भारतीय जनतांत्रिक राजनीति में प्रवासी

श्रमिकों का एक नया दबाव समूह विकसित होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस समूह का विकास किस रूप में होता है, यह देखना है। प्रसिद्ध कवि ब्रेख्त की तर्ज पर कहें तो प्रवासी मजदूरों के बारे में कोई अंतिम बात कहना अभी मुश्किल है।

 

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AkashYadavAkki4 poetbadri Right

poetbadri dmvaranasi2016 myogiadityanath ChiefSecyUP कृपया कर मेरे ग्राम हसनपुर तहसील पिंड्रा जिला वाराणसी उत्तर प्रदेश मे नरेगा अंतर्गत होने वाले सभी कार्य का अवलोकन एवं सामाजिक हित का ध्यान रख कर कराया जाये और प्रधान सभी कार्य का शुरूआत और अंत का मोबाइल से विडियो रिपोर्ट भेजे।

poetbadri कटु सत्य जो सब को स्वीकारने में कठिनाई होगी

poetbadri कौन करेगा? मीडिया के चरित्र पर संदेह होता है और मजदूरों का नेता होना लोकतंत्र विरोधी मान लिया जाता है। अब दुविधा ये है कि आवाज मजबूत कैसे हो?

poetbadri बिल्कुल सही बात है 👍

poetbadri जी बिलकुल सहमत

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