। अदालत ने गुरुवार को महिपाल को दोषी ठहराते हुए अपने फैसले में कहा था कि सभी साक्ष्य व चश्मदीद गवाहों के बयानों से आरोपी का अपराध बिना शक साबित हुआ है।
उसका हत्या करने का कोई इरादा नहीं था। यह घटना अचानक हुई जब जज की पत्नी ने उसे बुरा भला कहा। इसके अलावा महिपाल की दो नाबालिग बेटियां हैं, मां है, उनकी देखभाल के लिए महिपाल को सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए और उसे उम्र कैद की सजा दी जाए न कि फांसी।अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर परमार ने अपने फैसले में कहा कि यह मामला सरासर विश्वास और रिश्तों को तार-तार करने वाला है। दोषी की जिम्मेदारी मृतकों की सुरक्षा करना था लेकिन उसने कर्तव्य को दरकिनार कर उनकी हत्या कर...
अदालत ने अपने फैसले में चश्मदीद के गवाहों की गवाही को भी अहम माना। कुल 64 गवाहों ने अपनी गवाही में जज की पत्नी व बेटे को गोली मारने व कार में डालने की कोशिश करने की जानकारी दी, जो पुख्ता सबूत हैं। अदालत ने बचाव पक्ष के उस तर्क को खारिज कर दिया कि जिसमें गनमैन महिपाल को निर्दोष बताया गया था। अदालत ने कहा कि किसी भी गवाह पर कोई दबाव नहीं था, उनकी गवाही निष्पक्ष रही है।
। अदालत ने गुरुवार को महिपाल को दोषी ठहराते हुए अपने फैसले में कहा था कि सभी साक्ष्य व चश्मदीद गवाहों के बयानों से आरोपी का अपराध बिना शक साबित हुआ है।सजा पर बहस के दौरान सरकारी पक्ष ने दोषी महिपाल को फांसी देने की मांग की। उनका तर्क था कि महिपाल ने दिनदहाड़े घटना को अंजाम दिया। दोहरे हत्याकांड के कारण उसे फांसी की सजा दी जाए।
अदालत ने कहा कि इस मामले में हत्या के बाद दोषी गनमैन महिपाल ने जघन्य हत्याकांड की जानकारी फोन कर जज कृष्णकांत व अपने सह गनमैन विनय को दी, यह साक्ष्य भी अपराध साबित करने में अहम हैं।
Judge ki biwi thi isliye, Common man ki biwi bachcho ko maarke to jamnat bhi Dr dete hai judge saab
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