जंगल और विकास, दोनों साथ-साथ के हिमायती रहे हैं शिबू सोरेन

  • 📰 AajTak
  • ⏱ Reading Time:
  • 92 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 40%
  • Publisher: 63%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

शिबू सोरेन शुरुआत से ही चाहते थे कि प्रकृति का संरक्षण भी हो और लघु और मझोले उद्योग भी स्थापित हों Jharkhand ShibuSoren

जंगल को लेकर आदिवासी समाज का रहा है झगड़ाझारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने सोमवार को राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ली. एक आम आदिवासी परिवार में जन्मे शिबू सोरेन का जीवन आदिवासी समाज की दिक्कतों, उनकी अपने हक के लिए लामबंदी और संघर्ष तथा विकास की मुख्यधारा की ओर उनकी यात्रा की कहानी है. जंगल को लेकर आदिवासी समाज और उद्योगपतियों के बीच हमेशा से छत्तीस का आंकड़ा रहा है. शिबू सोरेन भी उसी समाज से आते हैं.

इस सवाल के जवाब में वरिष्ठ पत्रकार फैसल अनुराग ने aajtak.in से बात करते हुए कहा कि लोगों के बीच ऐसी धारणा बना दी गई है. दरअसल ना ही उन्हें उचित मुआवजा ही मिला. कई जगह तो आदिवासी समाज के लोगों को कोई मुआवजा मिला ही नहीं. इन सभी बातों को लेकर लोगों में काफी आक्रोश रहा है कि हमारी जमीन भी जा रही है, हमारा पर्यावरण भी जा रहा है. हमारा जंगल भी जा रहा है. लेकिन हासिल कुछ भी नहीं हो रहा है. हालांकि शिबू सोरेन इस तरह से नहीं सोचते हैं. उनका मानना है कि जंगल और विकास दोनों चाहिए.

शिबू सोरेन का जोर लघु उद्योग और मझोले उद्योग पर इसलिए ज्यादा रहा, क्योंकि इसमें विस्थापन की समस्या नहीं आती है. लोगों को रोजगार मिलता है और लोगों की क्रय शक्ति बढ़ती है. वो मानते हैं कि इन उद्योगों से झारखंड का बेहतर विकास हो सकता है. सिन्हो कानू और बिरसा मुंडा के पथ पर आगे चलते हुए उन्होंने हमेशा मनुष्य और प्रकृति को साथ रखने पर जोर दिया. शिबू सोरेन कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा देने की बात करते हैं.

वो हमेशा अपने लोगों की भीड़ में घिरे रहते हैं और उनसे संथाली भाषा में ही बातें करते हैं. भाषा और अपने लोगों के बीच में रहने की वजह से वो ताकत अर्जित कर लेते हैं. जो आज के नेताओं में कम देखने को मिलता है. बाहर निकलते हुए वे कभी अपने लुक्स की परवाह नहीं करते हैं. दाढ़ी बढ़ी हुई, बिना इस्तरी किए कपड़े और चप्पल पहनकर लोगों के बीच निकल जाते हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों में उन्होंने इस्तरी किए हुए कपड़े पहनने शुरू किए हैं. वो एक बहुत अच्छे वक्ता हैं और लोगों से जुड़ना जानते हैं.

एक घटना का जिक्र करते हुए वरिष्ठ पत्रकार फैसल अनुराग कहते हैं कि शिबू सोरेन एक बार दुमका में एक कार्यक्रम का समापन कर धनबाद लौट रहे थे. उन्हें इतनी जल्दी थी कि उन्होंने रास्ते में रुककर ना तो खाना खाया और ना चाय पी. लेकिन अचानक बीच रास्ते में उनकी गाड़ी रुक गई. शिबू सोरेन एक गांव के अंदर पहुंचे. उनके लिए खाट बिछाई गई. पता चला कि लड़की के साथ छेड़खानी का मामला है. उन्होंने वहीं पर अदालत शुरू कर दी और फैसला सुनाकर ही वहां से रवाना हुए.

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।

Arre ye to paisa le ke vote dene wala hai na

ओबीसी वाला है

Ohh I thought Shibu Soren meant Jungle raaj !!! LOL 😂😂

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 5. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

अफगानिस्तान में आसान नहीं अमन की राह, शांति वार्ता के साथ ही बढ़े तालिबान के हमलेअफगानिस्तान में आसान नहीं अमन की राह, शांति वार्ता के साथ ही बढ़े तालिबान के हमले Afghanistan Taliban China America realDonaldTrump realDonaldTrump अमन और अफगानिस्तान एक साथ ?
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

'Aditya Thackeray के ड्रग्स माफिया के साथ रिश्ते', Kangana Ranaut का नया वारकंगना रनौत और महाराष्ट्र सरकार के बीच तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. कंगना बॉलीवुड की उन चुनिंदा सितारों में से हैं जो शिवसेना पार्टी के खिलाफ खुल कर अपने विचार रख रही हैं. कंगना ने अब एक नया ट्वीट किया है. इस ट्वीट में कंगना ने आदित्य ठाकरे पर निशाना साधा है. कंगना ने ट्वीट में लिखा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की बेसिक समस्या ये है कि मैंने आखिर क्यों मूवी माफिया, सुशांत सिंह राजपूत के हत्यारों और उनके ड्रग रैकेट को एक्सपोज किया, जिनके साथ उनका बेटा आदित्य ठाकरे घूमता-फिरता था. ये मैंने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है और अब वे मुझे फिक्स करना चाहते हैं. ओके आप कोशिश कीजिए. देखते हैं कि कौन किसको फिक्स करता है. देखें वीडियो. बिल्कुल सही कहा यही वो राज है जिससे ये गुंडो की सरकार डरी हुई है। rautsanjay61 PMOIndia CMOMaharashtra डियर नॉटी संजय रावत इतना पीओके का झुन झुना बजा रहे सारे देश भक्त का चिलेंजे है कि पूरे विरोधी पार्टी शे की प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के ये बोले कि पीओके भारत का अभिन्न अंग नहीं है ओर भारत का हिस्सा नहीं हिमत है तो नहीं तो पीओके बोलना बन्द करो 💐💐💐👎👎👎
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

इंडो-पैसिफिक में चीन की 'दादागिरी' के दिन खत्म, भारत के साथ आई जापानी सेनाबाकी एशिया न्यूज़: India Japan Relations: चीन से बढ़ते खतरों के बीच जापान ने भारत के साथ सैन्य सहयोग को बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार को जापानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल यूसा ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे से बातचीत की। 👍 तभी तो चीन रो रहा है।चीन चाहता था क्8 कोई बूद्दु स् प्रधान मंत्री रहे और चीन पता भी न चलने दे कि क्या कर रहा है।अब मजबूत आदमी सामने खड़ा है तो पसीने छूट रहे हैं।
स्रोत: NBT Hindi News - 🏆 20. / 51 और पढो »

कांग्रेस के नए सवेरे के लिए सोनिया की ओर से की गई ओवरहॉलिंग के मायने?कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण का पुनर्गठन एक संकेत है कि वायनाड के सांसद को नामांकन के बजाय चुनावी रास्ता अपनाना होगा. राहुल के वफादार मधुसूदन मिस्त्री उस पैनल के प्रमुख हैं जो पार्टी संगठन चुनावों की निगरानी करेगा. भगवान इस इटली वाली डायन की आत्मा को शांति दे
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

राजनीति: हिंदी के विकास की बाधाएंस्वतंत्र भारत में हिंदी की विकास यात्रा जितनी तीव्र गति से होनी चाहिए थी, उसे उतनी गति नहीं मिल पाई। इसका सबसे बड़ा कारण रहा कि स्कूली शिक्षा निसंदेह हिंदी या क्षेत्रीय भाषा में हो रही हो, लेकिन उच्च शिक्षा के लिए लोगों को अंग्रेजी माध्यम ही चुनना पड़ा है। इसलिए नवयुवक पहले से अपना अंग्रेजी आधार मजबूत करने का उपक्रम करने लगते हैं। ऐसी वर्जनाएं भी हिंदी के विकास में बाधक बनी हैं। दक्षिण भारत के साथ गुजरात जो आज देश का सिरमोर हैं वहाँ भी आज की तारीख़ में हिंदी भाषी को दोयम दर्जे का नागरिक समझा जाता हैं और वहाँ पर अधिकांश सड़क साइन बोर्ड व व्यापारिक बोर्ड गुजराती व अंग्रेज़ी में ही लिखे जाते हैं। हमारे देश की धड़कन हिंदी के नाम पर सिर्फ़ और सिर्फ़ राजनीति!
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

विकास दुबे के करीबियों पर कसेगा ED का शिकंजा, संपत्तियों की होगी पड़तालकानपुर के विकास दुबे केस से जुड़े आरोपियों के खिलाफ जल्द मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया जाएगा. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुख्यालय ने लखनऊ के जोनल कार्यालय को इसकी मंजूरी दे दी है. ShivendraAajTak Media inhe dikha rhi pls दिल्ली में बिजली 2.50 रु हिमाचल 2.50 रु हरियाणा में 2.75 रु तो फिर राजस्थान में 7.35₹ क्यों सोने की तारो से आती है ।सही है क्या । ise dikahye aam admi kitna presan h
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »