नई दिल्ली: छठ महापर्व की शुरुआत आज से हो गई है, लेकिन दिल्ली से इस पूजा से जुड़ी जो तस्वीरें सामने आई हैं वो दिल को दहलाने वाली हैं. यमुना ने जहरीला झाग इकटट्ठा हुआ है, इसी के बीच श्रद्धालु यहां स्नान करती दिखीं, हालांकि कोरोना के चलते डीडीएमए ने यमुना नदी के किनारे छठ पूजा की अनुमति नहीं दी है. न्यूज एजेंसी ANI ने इससे जुड़ा वीडियो शेयर किया है, जिसमें लिखा है कि यमुना नदी में तैरते जहरीले झाग के बीच स्नान करती श्रद्धालु. ये जगह कालिंदी कुंज के पास की बताई जा रही है.
#WATCH | People take dip in Yamuna river near Kalindi Kunj in Delhi on the first day of #ChhathPuja in the midst of toxic foam pic.twitter.com/uMsfQXSXnd — ANI November 8, 2021यह भी पढ़ेंयमुना नदी की ऐसी हालत पर यहां आने वाले श्रद्धालु निराशा व्यक्त कर रहे हैं. यहां पूजा-अर्चना करने आई कल्पना ने कहा कि छठ पूजा में नदी में डुबकी लगाने का महत्व है. इसलिए मैं यहां आई हूं, लेकिन पानी बहुत गंदा है. इससे हमें बहुत परेशानी हो रही है. इससे बीमारियां भी हो सकती हैं, लेकिन हम असहाय हैं. पानी की सफाई और घाट बिहार में बहुत बेहतर हैं. दिल्ली सरकार को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि घाटों की सफाई हो.
बता दें कि छठ पूजा सूर्य भगवान को समर्पित है और मुख्य रूप से यह बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों द्वारा मनाई जाती है. इस चार दिवसीय उत्सव में नदियों और तलाबों में डुबकी लगाई जाती है, सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस साल छठ पूजा की शुरुआत आज यानी 8 नवंबर से नहाई खाई के साथ शुरू हुई और 11 नवंबर को उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगी.
Religion 😂😂😂🤣
ऐसा लगता है जैसे उपर बादलों में जाकर माताजी की पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
Anpadta bhut hai ji apne desh mei, pani pe ye jhag jehreeli hi hoti hai banti v gande pani ki hai saaf pani ki nahi ban sakti kabhi
Sharm aani chahiye kejribal ko dub marna chahiye usi jaga me.
यमुना नदी में प्रदूषित पानी कहा से आकर दिल्ली तक पहुंच रहा है? या फिर दिल्ली में आकर प्रदूषित हो जाति है?
छठ मईया कभी माफ नहीं करेंगे तुम्हें, सत्यानाश हो तुम्हारा ArvindKejriwal
यमुना को जहरीला करने का जिम्मेवार कौन है यह तो दीपावली के पटाके से नही हुआ है ।
यही होती है अंधभक्ति ये सब पर्व हमें प्रकृति से जुड़े रहनेके लिए,उसके महत्व को समझने और उसे सहेज कर रखनेके लिये बनाये गये लेकिन हम मूल भावना को भूल चुके हैं और हर पर्व पर मान्यताओं के आधार पर काम कर रहे हैं हम सबको गंगा नदी के प्रदूषण के बारे में पता है लेकिन गंगाजल अभीभी शुद्धहै
This is complete failure of ArvindKejriwal msisodia and his team. You had enough time. Casual approach of concerned team.. No excuses...
BHI Ney samjha hove key free sabun govt Dio hey
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