चौपाल: तकनीक बनाम मनुष्य

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पिछले दिनों दिल्ली में चालकरहित मेट्रो का उद्घाटन हुआ। भारत की यह पहली मेट्रो होगी, जो बिना ड्राइवर के चलेगी। लेकिन क्या हकीकत में हमें चालकरहित मेट्रो की अभी जरूरत है?

क्या मेट्रो का चालकरहित होना हमारी जिंदगी में कोई प्रत्यक्ष बदलाव ला सकता है? वह भी ऐसे समय में, जब भारत जैसा देश कोरोना विषाणु के साथ-साथ सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर का सामना कर रहा है। आज सीएमआइई के अनुसार, भारत का बेरोजगारी स्तर दस फीसद तक पहुंचने वाला है, जिसमें शहरी क्षेत्रों में 9.0 प्रतिशत बेरोजगारी दर दर्ज की गई है और ग्रामीण क्षेत्रों में 9.

1 प्रतिशत। पिछले महीने सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर हरियाणा और राजस्थान प्रतिशत रहा। ये आंकड़े किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं हैं। हमारी सरकार देश को रोजगार देने वाले क्षेत्रों में नई-नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर, मेट्रो को चालकरहित बना कर लोगों को बेरोजगार करने पर तुली है। तकनीकी एक अच्छी चीज है अगर उसका उपयोग मनुष्य के जीवन को बेहतर बनाने में किया जाए, न कि उससे जीवन को बेहतर बनाने के मौके छीनने के लिए। अगर हमारे देश में जनसंख्या अधिक हो रही है तो सरकारों को अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार...

 

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