कोरोना के चलते फाइनल मुकाबले को तुर्की की राजधानी इस्तांबुल से हटाकर पोर्टो स्थानांतरित कर दिया गया था. पोर्टो के एस्टाडियो दो द्रगाओ में इस फाइनल मुकाबले को देखने के लिए लगभग 16500 दर्शक मौजूद थे. पेप गार्डियोला की मैनचेस्टर सिटी ने हाल ही में इंग्लिश प्रीमियर लीग का खिताब जीता था. लेकिन इस फाइनल मुकाबले मैनचेस्टर सिटी के डिफेंस और मिडफील्ड में काफी खामियां दिखीं.
सिटी के मैनेजर पेप गार्डियोला के होल्डिंग मिडफील्डर फर्नांडीन्हो का उपयोग नहीं करने के फैसले पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. क्योंकि उनकी ऑल-आउट अटैक की रणनीति मैनचेस्टर सिटी के पक्ष में काम नहीं कर पाई. दूसरी ओर मैन ऑफ द मैच एनगोलो कांटे ने चेल्सी के मिडफील्ड का बखूबी नेतृत्व किया. पहले हाफ में टीमो वर्नर ने भी शानदार रन बनाकर मैनचेस्टर सिटी के डिफेंस पर दवाब बनाए रखा. दूसरे हाफ कप्तान केविन डी ब्रुने की चोट का भी सिटी को खामियाजा भुगतना पड़ा. चेल्सी के डिफेंडर एंटोनियो रुडिजर से हुई टक्कर के बाद ब्रुने मैदान से जाते समय काफी भावुक हो गए.
चैम्पियंस लीग के इतिहास में तीसरी बार दो इंग्लिश टीमें फाइनल में आमने-सामने थीं. चेल्सी ने सेमीफाइनल में रिकॉर्ड 13 बार के विजेता रियल मैड्रिड को हराकर तीसरी बार फाइनल में प्रवेश किया था. वहीं, सिटी ने सेमीफाइनल में पिछले साल के उपविजेता पेरिस सेंट जर्मेन को 2-0 से हराया था.
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