गांव-गांव जाकर मंत्री करेंगे योजनाओं का प्रचारदेश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा 4 राज्यों में फिर से सत्ता में लौटी है. इस चुनाव में भाजपा के हाथ पारस पत्थर जैसा एक वोट बैंक हाथ लग गया है, जिसने महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक विफलताओं से घिरी भाजपा को फिर से गद्दी तक पहुंचाने का काम किया है. इस वोट बैंक के सहारे मिली जीत ने भाजपा को अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर कर दिया है. दरअसल, भाजपा को इन चुनावों में एक ऐसे वर्ग का समर्थन मिला है, जिसने जाति और धर्म से ऊपर उठकर वोट दिया है.
लिहाजा, भाजपा अब अपने इस वोट बैंक को खोना नहीं चाहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिश है कि इस वर्ग को और भी मजबूत किया जाए. जी हां, जिस वर्ग की हम बात कर रहे हैं, वह है लाभार्थी वर्ग. यानी वह वर्ग, जिसने केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लिया है. दरअसल, पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को इस वर्ग ने साइलेंट मोटर के तौर पर अपना समर्थन दिया है. माना जा रहा है कि इसमें मुफ्त राशन पाने वाली महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है.
सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में अगले हफ्ते पीएम नरेंद्र मोदी समीक्षा बैठक करेंगे. इस बैठक में प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों से उनके मंत्रालयों की ओर से चलाए जा रहे योजना और अब तक हासिल किए गए लक्ष्य की जानकारी देंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएमओ ने सभी संबंधित मंत्रालयों से डेटा मांगा है कि उनके मंत्रालय के तहत कितनी जनकल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं, उनका कितने लोगों को फायदा मिला है और इसके लिए अब तक कितना बजट आवंटित हो चुका है.
बताया जाता है कि इसके बाद भाजपा की अगली रणनीति के तौर पर केंद्रीय मंत्रियों को देश भर में भेजने की है. इस दौरान ये सभी मंत्री अपने-अपने मंत्रालयों की ओर से चलाए जा रहे सामाजिक योजनाओं की जानकारी लोगों को देंगे. इसके अलावा राज्यों के साथ बैठक कर इन योजनाओं को और भी बेहतर तरीके से लागू करने की रणनीति तैयार की जाएगी. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश समेत सभी 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की ओर से चलाए जा रहे कल्याणकारी योजनाओं के बारे में खूब बात की थी.
दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से पूरे देश में प्रधानमंत्री आवास योजना, मुफ्त खाद्यान्न योजना, स्वच्छता मिशन के तहत हर घर शौचालय, उज्ज्वला योजना, नल जल योजना, किसान पेंशन योजना, वृद्धा, विधवा और दिव्यांग पेंशन योजना, फसल बीमा, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना और हर घर बिजली कनेक्शन जैसी जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है. माना जा रहा है कि बेरोजगारी, महंगाई, भारत चीन विवाद, आर्थिक मोर्चे पर सरकार की नाकामी और जातीय गोलबंदी जैसी तमाम कोशिशों की काट भाजपा ने इसे लाभार्थी वर्ग के बूते की है.
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