हैदराबाद में दुष्कर्म के आरोपियों के एनकाउंटर पर छिड़ी बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की टिप्पणीराष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा- न्याय प्रक्रिया गरीब और असहाय व्यक्ति की पहुंच से दूर हो गई हैचीफ जस्टिस एसए बोबडे ने शनिवार को जोधपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि न्याय कभी बदला लेने में तब्दील नहीं होना चाहिए। अगर यह बदले में तब्दील हो जाए, तो न्याय अपना चरित्र खो देता है। सीजेआई ने यह बात हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के चारों आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर के...
इसी बीच, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की न्याय प्रणाली पर चिंता जताई। उन्होंने कहा- न्याय प्रक्रिया गरीब की पहुंच से दूर हो गई है।सीजेआई बोबडे ने कहा, “देश में हाल ही के दिनों में हुई घटनाओं ने पुरानी बहस को नए सिरे से तेज कर दिया है। इसमें कोई शक नहीं है कि आपराधिक न्याय प्रणाली को अपने लचरपन और फैसले में लगने वाले समय को लेकर अपना नजरिया बदलना चाहिए। लेकिन, मुझे नहीं लगता कि कभी भी तुरंत न्याय किया जाना चाहिए या न्याय को बदले के रूप तब्दील होना चाहिए।” राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा,...
सही कहा आपने, न्याय का चरित्र बदलता हैं, पर ज़िमेदार कोंन होने के बाद बातें बहुत करते आप जैसे, पर न्याय नही मिलता। क्या उन्नाव और निर्भया जैसे सैकड़ो को न्याय दिला सकते है किया? हम न तो अमर है, नही एक जैसी परिस्थितियों मैं जीने वाले , समय रहते न्याय हो जाना चहिये पर नही होता।
Apne mool charitra mein kisko nyay de paa raha hai
आज तक किसी को फांसी भी नही हुई
बकाया केसों का निपटारा करें जब तक आप कुर्सी पर बैठे हैं ज्ञान पेलने से कुछ नहीं होता...
न्याय का चरीत्र बचा ही कीतना है। न्याय राजनीती की रखेल और धनवानो के पेर की जुती से ज्यादा बचा है क्या?
यह सब किताबी बातें हैं जो पढ़ने में और लिखने में अच्छी लगती है। इन बातों को वास्तविक जीवन में कोई भी जीवित व्यक्ति बर्दाश्त नहीं कर सकता क्योंकि यह सब निहायत कमजोर और कपटपूर्ण बातें हैं। एक सीमा के बाद न्याय का कोई अर्थ नहीं होता अन्याय में बदल जाता है।
Ye Dilayenge Justice SabChangaC 🤬🤬🤬
यह सही की न्याय में जल्दबाजी न हो किन्तु बहुत समय लगना भी न्याय नहीं। जिम्मेदारी निर्धारित करना आवश्यक। कुछ वर्ग विशेष को न्याय सुविधा हमेशा उपलब्ध तो कुछ को सालों तक नहीं।
Nyay nhi milta tabhi to badla lene ke liye majboor ho jate h.
Ya phir aap bataye nyaya kya hai Priyanka reddy ka rape kiya gaya,jinda jalaya gaya ye us ladki ke sath nyay hua aaropi pakade jaane baad court ka faisla aane tak jail me rahe yeh nyay haiAnyay sahna aur karne walon par kadi se kadi saja court se aa jaye toh aise nahi hota
देर से मिलने वाला न्याय भी न्याय नहीं होता
Lekin nyaya ho hi kaha raha hai, time waste hote rahta hai, rapist jail me mufta ki roti khata rahta hai kya isame badlaav laana jaruri nahi samjhate, woh darindey bhi toh apana charitra kho dete hai aur yeh encounter badla nahi, anyaya par hene wala nyay hai
और न्याय मिलने में यदि दशकों की देर हो जाए तब भी न्याय का चरित्र व स्वरूप दोनों हीं बदल जाते ।
यह भी बोल दिये होते की देर से मिलख न्याय न्याय नही मिलने के बराबर होता है।
अच्छा पर जो देश की बेटियों के साथ लगातार हो रही हैवानियत से देश के चरित्र का चरित्र हरण हो रहा उसका क्या
अरे इनके जैसे 46 और आये थे यहाँ न्याय करने सबने न्याय किया ना अब इनके जैसे और आयेंगे पर न्याय ना हुआ है ना होगा, कानून और न्यायपालिका नेताओं की रखैल बन गयी है, उन्नाव में सेंगर साहब अभी उदाहरण के लिए हैं, माफ करें कुछ ज्यादा बोल दिया तो
Right sir
Logo ka kanun me viswas hi nhi rha tabhi aisa krna pdta h
Chlo maan liya apki bat. Agr nyay time pr mil jaye to aisa kuch bhi hota hi nhi.
एक औरत के साथ इतना अत्याचार हुआ और उसे जला दिया गया फिर उन्हें जिंदा रहने का क्या हक.......
जब न्याय ना मिले तो बदला लेना अनिवार्य होजता है
मूल चरित्र से पाया ही क्या ....... तारिक पर तारिक, तारिक पर तारिक.... उसके ऊपर तारिक ....... लेकिन नहीं मिलता न्याय
इसे बदला कहे या फिर कुछ और लेकिन हैदराबाद पुलिस का एनकाउंटर वाला फैसला एकदम सही है। शायद अब क्राइम कम हो सके।
तो साहब न्याय करिये ना!!! आज निर्भया की आत्मा को 7 साल हो गए भटकते हुए अदालतों में! न्याय कँहा है! औऱ फ़िर ये आक्रोश पूर्णतया बदले में परिवर्तित हो जाएगा तब आप देखते रहिएगा!! साहब!
न्याय का देरी से मिलना ही इसका प्रमुख कारण है।
तो फिर क्या डेट में डेट मिलने से न्याय चरितार्थ हो सकता है क्या? आखिर इस तरह कब तक?
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