चीन की चाल बनी पाकिस्तान से सऊदी अरब के टकराव की वजह

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चीन की चाल बनी पाकिस्तान से सऊदी अरब के टकराव की वजह ImranKhanPTI ImranKhanPTI crown_saudi saudicrownprin1 TCPOSA saudi_crown official_saudi chinapakinteroperability

दरअसल विवाद की शुरुआत इस्लामिक देशों में चीन की चाल से शुरू हुई। इस्लामिक देशों में प्रभाव बढ़ाने के लिए चीन ने पहले सऊदी अरब को साधने की कोशिश की। असफलता हाथ लगने पर उसके प्रतिद्वंद्वी ईरान से हाथ मिलाया। फिर मलयेशिया और पाकिस्तान की सहायता से इस्लामिक देशों में सऊदी अरब का दबदबा खत्म करने की कोशिश की।

कूटनीतिक विशेषज्ञ बताते हैं कि मामला तब बिगड़ा जब सऊदी अरब का प्रभुत्व कम करने और उसकी जगह पाकिस्तान और मलयेशिया को खड़ा करने की रणनीति के तहत इसी साथ चीन ने परोक्ष रूप से मलयेशिया में एक बड़ा इस्लामिक सम्मेलन कराया। इसमें सऊदी अरब की भागीदारी नहीं थी, जबकि पाकिस्तान और मलयेशिया अगुआ की भूमिका में थे। इसके अलावा चीन ने ईरान से कई अहम समझौते किए।चीन की योजना अनुच्छेद 370 के सवाल पर इस्लामिक देशों में भारत को अलग-थलग करने की थी। उसकी इस योजना को तब सफलता मिली जब इसी साल जून के महीने में ओआईसी के...

इसी बीच सऊदी अरब को चीन की उस योजना की भनक लगी जिसके तहत चीन ओआईसी में पाकिस्तान और मलयेशिया का प्रभुत्व कायम कराना चाहता था। इसकी भनक लगते ही सऊदी अरब का पाकिस्तान, मलयेशिया और चीन के प्रति रुख बेहद सख्त हो गया।पाकिस्तान की कोशिश ओआईसी के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के जरिए कश्मीर मुद्दे पर भारत को घेरने की थी। पाक बीते ढाई महीने से बैठक बुलाने के लिए सऊदी अरब पर दबाव डाल रहा है। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस संदर्भ में सऊदी अरब को ओआईसी के अन्य सदस्य देशों की बैठक बुलाने की...

कूटनीतिक विशेषज्ञ बताते हैं कि मामला तब बिगड़ा जब सऊदी अरब का प्रभुत्व कम करने और उसकी जगह पाकिस्तान और मलयेशिया को खड़ा करने की रणनीति के तहत इसी साथ चीन ने परोक्ष रूप से मलयेशिया में एक बड़ा इस्लामिक सम्मेलन कराया। इसमें सऊदी अरब की भागीदारी नहीं थी, जबकि पाकिस्तान और मलयेशिया अगुआ की भूमिका में थे। इसके अलावा चीन ने ईरान से कई अहम समझौते किए।चीन की योजना अनुच्छेद 370 के सवाल पर इस्लामिक देशों में भारत को अलग-थलग करने की थी। उसकी इस योजना को तब सफलता मिली जब इसी साल जून के महीने में ओआईसी के...

इसी बीच सऊदी अरब को चीन की उस योजना की भनक लगी जिसके तहत चीन ओआईसी में पाकिस्तान और मलयेशिया का प्रभुत्व कायम कराना चाहता था। इसकी भनक लगते ही सऊदी अरब का पाकिस्तान, मलयेशिया और चीन के प्रति रुख बेहद सख्त हो गया।पाकिस्तान की कोशिश ओआईसी के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के जरिए कश्मीर मुद्दे पर भारत को घेरने की थी। पाक बीते ढाई महीने से बैठक बुलाने के लिए सऊदी अरब पर दबाव डाल रहा है। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस संदर्भ में सऊदी अरब को ओआईसी के अन्य सदस्य देशों की बैठक बुलाने की...

 

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