चीन ने विदेशों में कोयले की आग बुझाने का लिया संकल्प, पर घर की चर्चा नहीं | DW | 24.09.2021

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जिनपिंग ने संकल्प लिया कि चीन 2030 से पहले carbon emissions कम करने का प्रयास तेज करेगा और 2060 से पहले carbonneutrality हासिल कर लेगा.

चीन ने उर्जा के उत्पादन के दौरान कार्बन के उत्सर्जन को कम करने की पहल की है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने विदेशों में नए कोयला संयंत्रों का निर्माण बंद करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में जिनपिंग ने ‘जलवायु परिवर्तन पर सक्रिय रूप से कार्रवाई करने और हरित और निम्न कार्बन ऊर्जा को बढ़ावा देने' की आवश्यकता पर बल दिया.

पिछले साल जापान और दक्षिण कोरिया ने विदेशों में नए कोयला संयंत्रों का निर्माण बंद करने का फैसला लिया था. इसके बाद से, चीन कोयला संयंत्रों का वित्तपोषण करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश बन गया. चीन की मदद से विशेष रूप से एशिया में 600 नए कोयला संयंत्र स्थापित किए जाने हैं.चीन की इस घोषणा के बाद से अभी भी कई तरह की शंकाएं बनी हुई हैं.

गुटेरेश ने कहा,"जलवायु परिवर्तन पर पैरिस समझौते के तहत, वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लक्ष्य को पाने के लिये कोयले के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से खत्म करना काफी महत्वपूर्ण कदम है. कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए विशेष रूप से काम करना होगा." इस महासभा में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अंतरराष्ट्रीय जलवायु वित्तपोषण को बढ़ाकर, प्रति वर्ष 11 अरब 40 करोड़ डॉलर करने की बात कही है.

वह कहते हैं कि अगर निजी क्षेत्र कोयला संयंत्रों का वित्तपोषण जारी रखते हैं, तो जलवायु के वैश्विक लक्ष्यों को पूरा नहीं किया जा सकेगा. उन्होंने कहा,"अब जब दुनिया की प्रमुख सरकारें साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन को लेकर काम कर रही हैं और विदेशी कोयला संयंत्रों का वित्तपोषण न करने का फैसला किया है, तो निजी क्षेत्रों को भी इस नियम का पालन करना चाहिए."

 

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