इन्हें चलाने के लिए इंसानों की जरूरत नहीं; संसद ने 5 हजार करोड़ रुपए दिएअमेरिका स्विचब्लेड 600 ड्रोन को जापानी, फिलिपींस, ताइवान में अमेरिकी नौसैनिक जहाज में शामिल करेगा।
पेंटागन के मुताबिक, वो इसके लिए रिप्लिकेटर प्रोग्राम को रुपए दे रहा है। रिप्लिकेटर प्रोग्राम अमेरिका का एक खुफिया हथियार बनाने का एक प्लान है। इस प्लान के तहत अमेरिका नई टेक्नोलॉजी का यूज करके कंप्यूटर से चलने वाले हथियार बना रहा है। इनको चलाने के लिए इंसानों की जरूरत नहीं होती है। इसके अलावा कई कंपनियां आधुनिक हथियार बनाकर पेंटागन को बेचने की तैयारी में है। अमेरिकी संसद ने इन हथियारों को खरीदने के लिए 4 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। अमेरिका का 2025 तक हजारों ड्रोन बनाने का लक्ष्य है। इन ड्रोन को जापानी, फिलीपींस, ताइवान और अमेरिकी नौसैनिक जहाज में शामिल किया जाएगा।रूस की सेना पिछले दो साल से यूक्रेन में ईरान के ड्रोन का इस्तेमाल कर रही हैं। ईरान ने रूस को 2022 में शाहिद-136 ड्रोन दिए थे। इनकी मदद से रूस ने जंग की शुरुआत में यूक्रेन के कई हिस्सों को अपने कब्जे में लिया...
अजरबैजान ने पिछले कुछ वर्षों में आर्मेनिया सेना के खिलाफ तुर्की में बने ऐसे छोटे ड्रोन का इस्तेमाल किया था। इससे अजरबैजान को आर्मेनिया पर बढ़त बनाने में भी मदद मिली थी।
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