ऐसे में रूस इकलौता ऐसा देश बचता है, जो चीन और भारत दोनों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. इन्हीं संभावनाओं के बारे में बीबीसी ने बात की जेएनयू के प्रोफ़ेसर संजय पांडे से. प्रोफेसर संजय पांडे सेंटर फॉर रसियन स्टडी में प्रोफ़ेसर हैं.
पिछले तीन महीने से पूर्वी लद्दाख सीमा पर जो कुछ चल रहा है उसमें तो आधिकारिक तौर पर रूस का स्टैंड है कि ये दो देशों के बीच का आपसी मसला है, दोनों हमारे मित्र हैं और इसलिए दोनों इसे ख़ुद सुलझाए. भारत को सुखोई और मिग-21 दोनों की सप्लाई में रूस ने तेज़ी लाने का वादा भी किया है. प्रोफ़ेसर संजय कहते हैं कि ये अपने आप में दिखाता है कि रूस भारत की परोक्ष रूप से मदद करने को तैयार है. चीन की सरकार ने रूस के इस क़दम पर कोई आपत्ति भी नहीं जताई है.भारत और रूस हमेशा से दोस्त रहे हैं. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत सैन्य उत्पादों की सबसे ज़्यादा ख़रीदारी रूस से करता है. उसके बाद अमरीका, इसराइल और फ़्रांस का नंबर आता है.
प्रोफ़ेसर हर्ष के अनुसार 'रूस में अच्छे तरीक़े से यह समझ है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जबकि चीन सर्वसत्तावादी या कहें एक क़िस्म की तानाशाही वाला देश है, इसलिए रूस भारत के साथ अपने संबंध ज़्यादा प्रेमपूर्ण मानता है और यही भारत और रूस के पुराने-घनिष्ट संबंधों का आधार है. लेकिन बीते एक दशक में परिस्थितियाँ बदली हैं, देखा गया है कि चीन के साथ रूस के संबंध मज़बूत होते जा रहे हैं.'
इस सवाल के जवाब में प्रोफ़ेसर संजय कहते हैं,"चीन मध्यस्थ की भूमिका में रूस के अलावा किसी तीसरे देश की सुनेगा भी नहीं. विश्व में जिस तरह का ध्रुवीकरण चल रहा है उसमें चीन को फ़िलहाल रूस की आवश्यकता है." हालांकि दोनों देशों ने 4000 किलोमीटर से ज़्यादा का सीमा विवाद साल 2000 में सुलझा लिया. जिस दमेंस्की द्वीप को लेकर 1968 में चीन और रूस भिड़ चुके थे वो सीमा समझौते के तहत चीन के पास है.
Vo apanian rotiyan seke ga
modi hai toh mumkin hai..... india Ka sath dega
चीन का
Hmare DM ne Chanina DM ke samne dekha tk nhi, wo Gidgida Rhe the.Ek baar to dekho or 9.30 per dono ke batchit hogi. Ye hmari Diplomasy h. Godi media or Sarkar sune kya hum 2014 me paida huwe h. ?
क्या करेंगा मजा मारेगा, दोनों को बेवकूफ बनायेगा और दोनों अपने हथियारों का फरोख्त करेगा..? एक बात स्मरण रहे अमरीकीयों ने परमाणु बम युरोप से नहीं गिराये..!! रुस ने 1962 में अपनी भुमिका स्पष्ट करी है हमारे विगत का अनुभव है.. कोई भी ताकतवर मुल्क भारत को मजबूत होते क्यों पसंद करेगा ?
Sir Mai EWS(economically weaker sections)10% quota ke bare Mai apse baat krna Chahta Hun....joki Kisi kaam Ka nhi Sarkar ne hme murkh bnaya hai unohne hme 1-Age relaxation 2-Fee relaxation 3- scholarship relaxation Nhi Diya Jo ki anyay hai aap hmara muddaa bhi uthaye pls sir🙏🙏
भारत का पुराना दोस्त है रूस
भारत मोदी राज में विश्व की महाशक्ति बन चुका है उसको किसी की क्या आवश्यकता है
भारत की दुनिया में कोई भी देश मदद नहीं करेगा
नाम=मोदी काम=
पीछे से चीन का साथ देगा ताकि चीन भारत को परेशान करता रहे। सामने से भारत का साथ देगा ताकि भारत चीन से लड़ने के लिए रूस से हथियार खरीदता रहे।
Untrustworthy ?
नाम=मोदी काम=बकचोदी
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