जलवायु परिवर्तन की वजह से नहीं बल्कि इंसानी लालच के चलते बीते पांच वर्षों में खेतों से 53 लाख फलदार व छायादार पेड़ गायब हो गए हैं। इनमें नीम, जामुन, महुआ और कटहल जैसे पेड़ प्रमुख हैं। अध्ययनकर्ताओं ने भारत ीय खेतों में मौजूद 60 करोड़ पेड़ों का मानचित्र तैयार किया है। इसके अनुसार भारत में जंगल और वृक्षारोपण के बीच अंतर बहुत साफ नहीं है, लेकिन इतना जरूर स्पष्ट है कि इस भूमि उपयोग में गत पांच वर्षों के दौरान मौजूद पेड़ों का एक बड़ा हिस्सा शामिल नहीं है, जो खेतों से लेकर शहरी क्षेत्रों में बिखरे थे।...
6 दर्ज की गई। इनका सबसे ज्यादा घनत्व उत्तर-पश्चिमी भारत में राजस्थान और दक्षिण-मध्य क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में दर्ज किया गया है। यहां पेड़ों की मौजूदगी प्रति हेक्टेयर 22 तक दर्ज की गई। अध्ययन के दौरान इन पेड़ों की 10 वर्षों तक निगरानी की गई। अध्ययन अंतराष्ट्रीय जर्नल नेचर सस्टेनेबिलिटी में प्रकाशित हुआ है। तेलंगाना, महाराष्ट्र में ज्यादा नुकसान मध्य भारत में विशेष तौर पर तेलंगाना और महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर इन विशाल पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। 2010-11 में मैप किए गए करीब 11 फीसदी बड़े छायादार...
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