पूर्वी लद्दाख में डेढ़ साल से तनाव के बीच चीनी सेना की अब अरुणाचल प्रदेश से सटी सरहद के भीतरी हिस्सों में सैन्य ड्रिल और तैनाती को लेकर भारत सतर्क है.अख़बार लिखता है कि भारतीय सेना ने सुरक्षा संबंधी किसी भी चुनौती से निपटने के लिए आपात योजना तैयार की है.
चीन-भूटान में दशकों पुराने सीमा विवाद पर हुए समझौते पर सीधे कुछ न कहते हुए लेफ़्टिनेंट जनरल ने उम्मीद जताई है कि इस समझौते पर सरकारी अधिकारियों की नज़र होगी.उत्तराखंड में तेज़ बारिश और भूस्खलन से 42 की मौतलिखता है कि उत्तराखंड में मंगलवार को बाढ़ और बारिश की वजह से हुए हादसों में 42 लोगों की मौत हुई है. ज़्यादातर मौतें बादल फटने और लैंडस्लाइड की वजह से हुई हैं. कई लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं.
मंगलवार को हुईं 42 मौतों में नैनीताल ज़िले में 28, अल्मोड़ा और चंपावत में 6-6 और पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर ज़िलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है.
मुद्दा 🤔 एक बार अच्छी तरह से लट्ठ बजा दो, सब सुलझ जाएगा।
मुसलमानों को नमाज सड़क और चौराहे की बजाय मस्जिद या घरों में पढना चाहिए रोज रोज सड़कें जाम करनेसे अन्य समुदाय कोकठिनाई होती है।इस समस्या से भारत ही नहीं यूरोपीय देश भी परेशान हो रहे हैं।
Sadkon par netaon ka roadshow nikle koi bat nhn Dharmic juloos nikle koi bat nhn Maidan me netaon ki sabha lage koi bat nhn But khule me Friday ki 15 minuts ki Namaz se kuch logon ko problem h Ye ek selective soch h !!
नमाज तो मस्जिद में ही होनी चाहिए , हां अगर लोग ज्यादा हैं तो बाहर इजाजत मिलनी चाहिए?
इसमे आपत्ति क्या है।
मत उकसाया करो धर्म के नाम पर अपनों को तेरे जहर की खुशबू बांग्लादेश तक पहुंच गई
आस्था का सम्मान होना चाहिए जब नवरात्रा से लेकर जागरण या गणपति वगैरह खुलें में या सरकारी भूमि का इस्तेमाल करने में जब दिक्कत नहीं तो नमाज को मुद्दा बनाना बेवकूफी है
यहां इन्हे सड़क पर नमाज पढ़ना है दिन में 5 बार परेशान करना है और कथित इस्लामिक देश में मंदिर में पूजा भी हम नही कर सकते इनके देश में हम रह भी नही सकते क्या शांति का धर्म है वाह
पावंदी लगनी चाहिए।
Ab kya bolu, Sulajh nahi raha, Ab agar kisika accident ho jaye to, liberals chillayenge, dimag kharab karenge phaltu ka, Plan kar nahi sakte, kyunki jehen mein yeh sab kabhi rahta hi nahi hai, They are just let us tolerating to excess limit, what to tell
जब तक जनता जागरूक नही होगी, कुछ नही होने वाला! नेताओ की सिर्फ अपने अपने राजनीतिक लाभ से मतलब है!
बंगलादेश में जतिन साहा नाम के हिन्दू को मारते मुल्ले। वैसे देश में अशांति का एक ही मजहब है पर BBC तो सेकुलर हैं, हमे क्या?
पूजा और इबादत प्रत्येक इंसान का निजी मामला है विश्वास है आस्था है पूजा और रास्ता के लिए निर्धारित स्थानों पर ही इसे अंजाम दिया जाए तो बेहतर है इससे समाज में ना तो कटता खेलेगी और ना ही अविश्वास पूजा आस्था इस तरह से की जाए कि किसी के विश्वास को सुविधा को ठेस न पहुंचे
आपको पता है वहां खुले मे नमाज़ पढ़ना औरतो का मसला है
खुले मैं,या जबरन..?
क्या कर सकते हैं एक गुडगांव की बात नही भारत में मुस्लिम को देखना पसद नहीं है
Hum Bihar Wasion Ke Liye Garv Mahsus Hu Raha Hai Ke Bharat Ke Dharm Nirpechtta Aur Loktantra Ke Suprem Commander Mahamahim 20 October Ko Patna Aa Rahe Hai Budha Park Gurudwara Aur Mahavir Mandir Jayenge Lekin Kisi Muslim Edara Me Nahi Jayenge Why
BBC office me Namaz padhne ki anumati di jye, Warna hum protest karenge. -Abdul bhai
Aur baat karte hai Bangladesh ki
खुले मे नमाज!
Gaanv pe lgegi jb suljh jayega.ase thodi sudhrne wale hai ye lulu
बंगाल और बांग्लादेश में दुर्गा पंडालों पर आक्रमण हुआ.. कई लोगों की हत्याएं की गई कईयों के साथ बलात्कार हुए... और बीबीसी गुड़गांव पर पैरवी कर रहा है, सार्वजनिक स्थानों पर बिना परमिशन धार्मिक गतिविधियां दंडनीय अपराध होना चाहिए।
शक्ति प्रदर्शन करने का एक शक्ति स्थल बन चुका है। लोग अपने घर में नमाज पढ़े ताकि यह मुद्दा सड़कों से हटकर सुलझ जाएगा। ऐसे मुद्दों से पुलिस और प्रशासन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
Bangladesh me hota to kb ka sulajh chuka hota
Patakhe jalana shuru karo allah uchhalkar samne aa jayega
खुले में आरती शुरू हो एक मिनट में सुलझ जाएगा। साथ ही अजान की तरह आरती भी लाउडस्पीकर पर पूरे जोरों शोरों से हो
खुले रोड पर नमाज़ पढ़ना भी एक चाल है आफिस या घर में भी नमाज़ पढ़ी जा सकती है लेकिन नहीं रोड पर आना है ऐसा ही व्यवहार रहा न तो एक दिन रोड पर ही आ जाओगे इतना घमंड ठीक नहीं है ।
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