पाकिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पिछले सप्ताह इस्लामाबाद की योजनाओं को सार्वजनिक करने से पहले देश के राजनेताओं के साथ एक बैठक की थी। इस बैठक में पाकिस्तान के कब्जे वाले उत्तरी क्षेत्रों में विवादित गिलगित-बाल्टिस्तान में एक प्रांत बनाने की कवायद शुरू की गई। हालांकि, मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि इस पांचवें प्रांत के निर्माण का काम सेना अकेले नहीं कर रही है। इसमें प्रधानमंत्री इमरान खान के खास एक और शख्स का नाम शामिल...
बीते कुछ सालों में सीपीईसी की सुरक्षा के लिए सैन्य तैनाती भी बढ़ाई गई है। स्थानीय लोग इस गलियारे के निर्माण का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे पर्यावरण, संस्कृति और सामाजिक ढांचे को नुकसान पहुंचाया जा रहा है और इससे लोगों को कोई खास फायदा नहीं होने वाला है। इस गलियारे के निर्माण के खिलाफ अक्सर रैलियां निकाली जा रही हैं और विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।
जब इमरान खान ने दिसंबर 2019 में उन्हें अपना विशेष सलाहकार चुना था, उससे कुछ महीने पहले यूएसआईपी में वह विवादों में आ गए थे। इस दौरान सार्वजनिक संस्थानों को पाकिस्तानी अधिकारियों के ठहरने का ठिकाना बनाए जाने पर सवाल उठाए गए थे। दक्षिण एशियाई मामलों की एक विशेषज्ञ डॉ.
पाकिस्तान में गिलगित-बाल्टिस्तान का शामिल होने से चीन को काफी फायदा है। उसने चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में लाखों डालर का निवेश किया है। हालांकि, इसमें से अधिकतर कर्ज है। चीन इस गलियारे का निर्माण मलक्का स्ट्रेट तक एक वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए कर रहा है। यह हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के बीच प्रमुख जहाज मार्ग है।
ImranKhanPTI PMOIndia Then also..... When the time comes it will be independent from paki clutches....
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