मरीजों के इलाज के लिए कुल 751 बेड्स हैं। कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए इनमें से 374 बेड्स शुक्रवार को भी रिक्त हैं। इनमें ऐसे भी अस्पतालों का ब्यौरा दिया गया है जहां एक भी बेड पर किसी कोरोना मरीज का इलाज नहीं चल रहा है और सभी बेड्स को रिक्त श्रेणी में दिखाया जा रहा है। इसमें दीन दयाल उपाध्याय का राजकीय आश्रम सेंटर भी है जहां के सभी 225 बेड्स रिक्त हैं।लेकिन इसी जिले के मडियाहूं के विजयी कोइरी का कहना है कि अस्पतालों में कहीं कोई जगह नहीं है। अपने भाई अजय कोइरी के इलाज के लिए वे...
इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत कर रहे अधिवक्ता दिलीप शर्मा अपने एक रिश्तेदार को कोरोना के इलाज के लिए कई अस्पतालों का चक्कर काट चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्हें किसी अस्पताल में जगह नहीं मिल पाई है। दिलीप शर्मा के अनुसार वे अब भी अपने रिश्तेदार का इलाज प्राइवेट स्तर पर एक डॉक्टर की सलाह पर अपने घर पर ही करा रहे हैं। लेकिन वे भी नहीं जानते हैं कि अगर इस दौरान मरीज की स्थिति बिगडती है, उसे ऑक्सीजन जैसी जरूरत पड़ती है तो वे मरीज को लेकर कहां...
अधिकारी ने बताया कि वे उन चंद मरीजों तक ही इलाज उपलब्ध करवा पा रहे हैं जो जिला मुख्यालय के अस्पतालों तक पहुंच पाते हैं। जबकि उन्हें भी इस सच्चाई का ज्ञान है कि जिले के ही ग्रामीण क्षेत्रों की हालत बहुत खराब है और वहां के मरीज इस समय अस्पताल तक पहुंच भी नहीं पा रहे हैं।ग्रामीण क्षेत्रों में 40-50 किलोमीटर दूर जाने पर जिलों या इसी स्तर के प्रमुख बाज़ारों में ही कोरोना टेस्टिंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं। ग्रामीण इलाकों के मरीज इन जगहों तक पहुंच भी नहीं पा रहे हैं। खांसी-जुकाम या बुखार जैसे लक्षण दिखने...
इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत कर रहे अधिवक्ता दिलीप शर्मा अपने एक रिश्तेदार को कोरोना के इलाज के लिए कई अस्पतालों का चक्कर काट चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्हें किसी अस्पताल में जगह नहीं मिल पाई है। दिलीप शर्मा के अनुसार वे अब भी अपने रिश्तेदार का इलाज प्राइवेट स्तर पर एक डॉक्टर की सलाह पर अपने घर पर ही करा रहे हैं। लेकिन वे भी नहीं जानते हैं कि अगर इस दौरान मरीज की स्थिति बिगडती है, उसे ऑक्सीजन जैसी जरूरत पड़ती है तो वे मरीज को लेकर कहां...
हिम्मत और भरोसे पर दुनिया कायम है
ओके
बिल्कुल सही बात है गांवो में कोरोना की रोक थाम के लिए सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए एवं ग्राम पंचायतों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए
जरूरत पड़े तो वहां के जिला सीएमओ मुख्य चिकित्सा अधिकारी से फोन द्वारा बात करें या डीएम से जाकर मिले
मोदी योगी बदल दो, सब सुधर जाएगा।
गांव में नीम की पत्ती को जला के सैनिटाइजेशन कर सकते हैं और गांव में स्प्रेयर मशीन और फसलों में छिड़कने की दवाइयां पर्याप्त उपलब्ध हैं सैनिटाइजेशन के लिए उनका उपयोग टाइप किया जा सके
झोला छाप डॉक्टरों ने ही गांव वालों की जान बचाई नही तो लोगो का और बुरा हाल हो जाता
Jinhe aap jhola chaap keh rahe hai...kabhi gaon jaakar poonchiye un gareeb gaon waalon se ki ahmiyat rakhte hai wahi jhola chaap Doctors unke liye
हा हा हा हा
इन्होंने तो संभाल रखा है वर्ना देश के सीनियर डॉक्टर तो मुह छुपा के घूम रहे है, और मरीज़ को एक बार भी देखने नही जाते, उन्हे अपने जाँ की ज्यादा फिकर है, और मरीज़ पैसा दे के भी अच्छा इलाज नही पा रहा है l
नरेंद्र एक भाषण देगा और सब सही हो जायेगा
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