राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश से कई तरह की संभावनाएं जतायी जाने लगी थी. खास तौर पर जब राहुल गांधी ने इस्तीफे के बाद कहा था कि वो किसी भी हालत में वापस नहीं आना चाहते हैं और किसी गैर-गांधी को पार्टी की कमान देने चाहिए.
सबसे मजेदार बात ये ही कि कांग्रेस कोर कमेटी की मीटिंग में न तो राहुल गांधी थे, न सोनिया गांधी और न ही प्रियंका गांधी वाड्रा. राहुल गांधी नेहरू-गांधी परिवार की पांचवीं पीढ़ी के पांचवें ऐसे व्यक्ति हैं जो कांग्रेस अध्यक्ष बने थे. आजादी के बाद सोनिया जहां 19 वर्ष तक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहीं, वहीं इस मामले में दूसरे स्थान पर उनकी सास इंदिरा गांधी रहीं जिन्होंने अलग-अलग बार कुल सात साल तक इस दायित्व को निभाया.हालांकि बाकी गैर गांधी अध्यक्ष दो से चार साल तक रहे. 1996 में कांग्रेस अध्यक्ष बने सीताराम केसरी और सोनिया गांधी के बीच के मतभेद को तो बीजेपी ने इस लोकसभा चुनाव में बाकयदा भुनाया.
1998 में कांग्रेस में एक बड़े ड्रामे के बाद केसरी को पद से हटा कर सोनिया गांधी को अध्यक्ष पद दिया गया था.राहुल गांधी के इस्तीफे के पेशकश के बाद सोनिया गांधी ने कहा था कि वो राहुल के ऊपर है कि वो पार्टी का पद लेना चाहते हैं या नहीं लेकिन सूत्रों के मुताबिक केसरी प्रकरण का डर सोनिया गांधी और उनके समर्थको में अभी भी है.फिलहाल मठाधीश बने सारे कांग्रेस नेताओं भले ही जनता में साख खो चुके हैं लेकिन पार्टी में अपने पद को नहीं खोना चाहते हैं. यही वजह है कि वो राहुल गांधी को छोड़ने से डरते हैं.
Agar Gandhi pariwar ko hi congress se hata diya to in chatukaro ka kya hoga. In kishi me party chalane ki aukat hi nahi hai. Gandhi pariwar ke sath rahkar malai kha rahe hain. Party hare chahe jeete ish pariwar ke nam per in chatukaro ki mauj hai aur aage bhi rahegi.
rssurjewala RahulGandhi प्रधानमंत्री बनाने से कोई मतलब ही नहीं है अगर प्रधानमंत्री बने हुए होते तो मनमोहन सिंह 2 बार प्रधानमंत्री नहीं होते फिर आप कौन से मोह है कि बात करे हो Image देखो
Gandhi pariwar se itni nafrat bhi kyun hai aap ko
RahulGandhi... Ya... Pappu gang have all the eyes on LOOT under control of neruabdulla kunba
हर हार मंजुर है, पर परिवार के सिवा कोई मंजुर नहीं है। ईसीलिए तो- कोंग्रेसमुक्त बनेगा भारत!
वो जयगढ़ दुर्ग का खजाना जनपथ में है, भारत की दस साल की जीडीपी के बराबर,ऐसा शहद का छत्ता कौन छोड़ेगा?
खजाने की चाबी इन्हीं के पास है
मजबूरी ही हैं
Zara soche.... Congress se he gandhi pariwar. Ya gandhi pariwar se he he cingress....
क्योंकि वो कांग्रेस जैसे संघर्ष ना करके उसके नाम पर मलाई खाना चाहते हैं....!
mazboori h
गुलामो को गुलामी ही पशनद है
Gandhi parivar mey besumar sampati hey.
जैसे बीजेपी को RSS की जरूरत हैं वैसे ही कॉग्रेस को गांधी परिवार की जरूरत हैं
Congress ki history ko dekhkar unki soch hai ki Gandhi parivar hi Congress hai ..
बेवकूफ, ये दो कब थे?
इसी मोह ने तो मारा है..
गांधी परिवार जोंक है कांग्रेस का पूरा खून पीने के बाद ही छोड़ेगा!! CIA+KGB+ISI=SONIA=CONGRESS
कांग्रेस पाकिस्तान का पाला हुआ कुत्ता 🐶 है ओर गांधी परिवार उस कुत्ते का पट्टा
कू..गले मे पट्टा दर्शाता है कि वह किसी खाते पीते घर मे पल रहा है। मेन्टैलिटी
हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग बेवकूफ बैठे हैं!! जिन्हें गुलामी बहुत पसंद है वह कांग्रेस को सपोर्ट क्यों करते हैं उन्हें खुद नहीं पता ?पर चमचागिरी छूटे नहीं छूटा रही 🤣🤣🤣इसलिए कांग्रेस को गांधी पसंद है
Turn them out of Delhi to .A & N islands for reset.
BJP ko RSS se itna moh kyu hai ,koi majburi..
Gandi family stashed big pile of money ( looted India from their last four generations).
Bewkuf hai wo log jo Congress ko vote dete hai... Ye soch te hai Ki apne dada por dada bideshi gulam tha isliye hum bhi bideshi Italian lady Ki gulami rahena hai
गोरी चमड़ी
केन्द्र में ना सही राज्यों नगर निगमों नगर परिषदों पंचायतों में तो इस परिवार के नाम से मलाई की खुरचन तो मिलती ही है इसलिये।
गुलामी इसको कहते हैं और क्या
Kyo k bina mehanat kiye khane ko mil jata h ,
डूबते को तिनके का सहारा
महात्मा गाँधी की इच्छा थी कि कांग्रेस को ख़त्म कर देना चाहिए लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया , शायद इसलिए अमित शाह और मोदी दोनों मिलकर इस इच्छा को पूरी करेंगे अब जितनी जल्दी हो जाये उतना ही अच्छा है , राहुल गाँधी को हटाकर कांग्रेस को अनाथ नहीं होना चाहिए !
हमारे देश मे हमेशा से परम्परागत रूप मै खानदान चलता रहा है.राजनीति मे भी ऐसा ही है.भाजपा और एकाकदल छोड़ कर सभी खानदानी हैं कुछ परंपरागत और कुछ नवधनाढ्य.कांग्रेस सबसे पुराना खानदान है.वारिसानो को वही हैसियत मिलती है जो उनके पुर्वजो को.
गाँधी परिवार से मुक्ति पाओ ! कांग्रेस पार्टी का भविष्य बचाओ !
माल दबाकर रखा.है
कांग्रेस नाम के पेड़ पर ये मां-बेटे डाल और पत्ती की तरह है।अगर पेड़ कटा तो समझो जिंदगी खत्म।
ऐसे ही एक और परिवार है, शिवसेना का ठाकरे परिवार!वहा भी इतने सारे अनुभवी और सिनीअर शिवसैनिक होतं हुए भी शिवसैनिक उद्धव ठाकरे जी के बेटे को सीएम पद का उमेदवार प्रमोट करने में लगे है!
क्योंकि कांग्रेस के सारे दोयम दर्जे के लोगों में ना तो नेतृत्व क्षमता है और ना ही राम नाम सत्य हो चुकी पार्टी को उठाने की ईमानदारी।
कोंग्रेस को गांधी परिवार का नहीं, गांधी परिवार को कोंग्रेस का मोह है
हर कोई मंद बुद्धि को चुनता है जिससे उसे बेवकूफ बना कर अपना स्वार्थ निकलते रहे। अंधे लोग अपने मेसे काने को राजा बनाते हैं
इसी छत के नीचे सब इकट्ठे हो जाते हैं वरना सबकी अपनी अपनी झोपड़ी होंगी।
वो तो मेरी मम्मी जान ही बता सकती है
CONgress always needs a face to get votes ~
अब ये तो केवल कांग्रेस के नेता बता सकते हैं ।
क्योंकि सभी अपने हैं
यह मोह नहीं चमचागिरी है
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