गांधी जयंती विशेष: पटेल की जगह नेहरू को PM बनाने के लिए लगाया था जोर, क्या रुकवा सकते थे भगत सिंह की फांसी; पढ़िए गांधी के 6 विवादित फैसलों की कहानी

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गांधी जयंती विशेष:पटेल की जगह नेहरू को PM बनाने के लिए लगाया था जोर, क्या रुकवा सकते थे भगत सिंह की फांसी; पढ़िए गांधी के 6 विवादित फैसलों की कहानी GandhiJayanti MahatmaGandhi

Mahatma Gandhi's Controversial Decisions ; Sardar Vallabhbhai Patel And India First India PM Jawaharlal Nehru | Gandhi Jayanti Special Storyपटेल की जगह नेहरू को PM बनाने के लिए लगाया था जोर, क्या रुकवा सकते थे भगत सिंह की फांसी; पढ़िए गांधी के 6 विवादित फैसलों की कहानीतारीख थी 2 अक्टूबर 1869 और दिन था शनिवार। गुजरात के पोरबंदर कस्बे में चूने से पुते एक छोटे से घर में किलकारी गूंजी। ये किलकारी काबा गांधी और पुतलीबाई के सबसे छोटे बेटे मोनिया की थी। वही मोनिया बाद में भारत के राष्ट्रपिता...

गांधी ने उसे नेहरू की तरफ बढ़ाते कहा, 'जवाहर, वर्किंग कमेटी के अलावा किसी भी प्रांतीय कमेटी ने तुम्हारा नाम नहीं सुझाया है। तुम्हारा क्या कहना है?' मगर नेहरू यहां चुप रहे। पटेल के उग्र तेवर और बढ़ती उम्र भी गांधी के इस रुख की वजह हो सकती है। पटेल गांधी से केवल 6 साल छोटे थे, जबकि नेहरू पटेल से करीब 15 साल छोटे थे। 1947 में जब देश आजाद हुआ तो सरदार पटेल 71 साल के थे और नेहरू सिर्फ 56 साल के।1938 में हुए कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन में सुभाष चंद्र बोस को अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने अपनी ऊर्जा से सभी को हैरान कर दिया। हालांकि तब तक गांधी के साथ उनके मतभेद सामने आने लगे...

अप्रैल 1939 में अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति की कलकत्ता बैठक में सुभाष ने इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह राजेंद्र प्रसाद ने ले ली। बोस ने कांग्रेस के अंदर ही अपनी पार्टी फॉरवर्ड ब्लॉक बनाई। 16 फरवरी 1922 को गांधी जी ने अपने लेख 'चौरी चौरा का अपराध' में लिखा कि अगर ये आंदोलन वापस नहीं लिया जाता तो दूसरी जगहों पर भी ऐसी घटनाएं होतीं। उन्होंने इस घटना में शामिल लोगों को पुलिस के हवाले करने को कहा क्योंकि उन्होंने अपराध किया था।

फांसी से 17 दिन पहले यानी 5 मार्च 1931 को वायसराय लॉर्ड इरविन और महात्मा गांधी के बीच एक समझौता हुआ, जिसे गांधी इरविन पैक्ट के नाम से जानते हैं। अप्रैल 1930 से अप्रैल 1933 के बीच ब्रिटिश सरकार में गृह सचिव रहे हर्बर्ट विलियम इमर्सन ने अपने संस्मरण में लिखा है कि भगत सिंह और उनके साथियों को बचाने के लिए गांधी के प्रयास ईमानदार थे और उन्हें कामचलाऊ कहना शांति के दूत का अपमान है।

 

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Abe chutiyo...pehla chunav 1952 ko hua or sardar patel ki death 1950 ko ho gyi...to 1st pm ki ldai kese hui

7th mistake was joining khilafat movement.

हम देश के पिता के तथाकथित पुत्रों से यह पूछना चाहते हैं कि 👉 महात्मा गांधी _ जवान लड़कियों के साथ नंगे क्यों सोते थे ? ऐसा बहुत से साहित्य में लिखा हुआ है. MahatmaGandhi GandhiJayanti

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