इम्यून सिस्टम में खराबी की वजह से 'साइटोकाइन स्टॉर्म' नाम की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इसमें वायरस के साथ-साथ शरीर के स्वस्थ सेल्स भी शिकार बन जाते हैं। कोविड के कई गंभीर मामलों में यही मौत की वजह भी बनता है। लेथब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने दावा किया है कि गांजे के पेड़ से मिले तत्व साइटोकाइन स्टॉर्म को रोक सकते हैं। उन्हें ऐसे स्ट्रेन मिले हैं जो इसे पैदा करने में मदद करने वाले दो केमिकल्स interleukin-6 और tumour necrosis factor alpha की मात्रा को कम कर सकते हैं।महामारी की शुरुआत...
सकता है जिससे जान भी जा सकती है। इससे लंग फाइब्रोसिस हो सकता है जिससे फेफड़ों के टिशू खराब हो सकते हैं और काम करना बंद कर सकते हैं।रिसर्चर्स ने गांजे के 200 से ज्यादा स्ट्रेन्स को देखने के बाद 7 पर स्टडी की। यह रिसर्च 'रिसर्च स्क्वेयर' में प्री-प्रिंट हुई है और अभी इसे पियर रिव्यू नहीं किया गया है। इस स्टडी में ऐसे तीन नए स्ट्रेन पाए गए हैं जबकि पहले की स्टडीज में भी ऐसे स्ट्रेन्स का पता चला है। इन स्ट्रेन्स को नंबर चार, आठ और चौदह कहा गया है। इन्हें ICU में भर्ती कोरोना वायरस के गंभीर...
सुबह में सिगरेट से बोला अब गांजा बोल रहा है अबे कौन नशेड़ी रिसर्च कर रहा है हरामी
Now but ganja before kumbh
'गांजे में छिपा हे कोविड का इलाज' मगर वैक्सिन पे संदेह है!! ऐसा कैसे
कहने का मतलब हुआ कि गाजे का दम लगाना भी एक दवा है!
गांजा का असर देख लो ...!! 😂😂
एसा मत बताओ लोग गांजा पीना चालू कर देंगे
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