गया जिले के इमामगंज प्रखंड क्षेत्र की नक्सल प्रभावित क्षेत्र में से एक रहा है, लेकिन पहली बार यहां की बहादुर बेटियों ने वह कर दिखाया जिसके लिए सरकार लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही थी. नक्सल क्षेत्र की बेटी घर की चहारदीवारी से निकलकर बीएसएफ की ट्रेनिंग लेकर गांव में लौटी तो लोगों ने भव्य स्वागत किया. बिहार के गया जिले के जिस इलाके में कभी नक्सलियों की बंदूकें गरजा करती थीं अब वहां की बेटियां देश की रक्षा के लिए योगदान दे रही हैं.
लोगों का हुजूम पूनम कुमारी के पीछे चल रहा था और जयकारे भी लग रहे थे. घर पहुंचते ही उनके माता-पिता ने अपनी बेटी को आरती भी उतारी. बेटी ने अपनी टोपी को माता-पिता को पहनायी और आशीर्वाद लिया. माता-पिता के प्रति एक बेटी का सम्मान देख लोग भावुक होते रहे. पूनम कुमारी काफी गरीब परिवार से आती हैं. उनके पिता प्रदेश में गार्ड की नौकरी करते हैं और माता घर में गृहस्थी करती हैं. अपनी बेटी को फौज में सेलेक्शन के बाद वह काफी खुश हैं और गौरवान्वित अनुभव कर रही हैं.
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