भारतीय संविधान में पंचवर्षीय योजना की अवधारणा सोवियत संघ से ली गई थी.देश के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेते हैं और राष्ट्रीय ध्वज भी वही फहराते हैं.संबंधित राज्यों के राज्यपाल राज्य की राजधानियों में गणतंत्र दिवस समारोह के मौक़े पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं. भारत में दो राष्ट्रीय ध्वज समारोह होते हैं. एक गणतंत्र दिवस पर और एक स्वतंत्रता दिवस पर.
पिंगली ने शुरुआत में जोडिज़ाइन किया था वो सिर्फ़ दो रंगों का था, लाल और हरा. उन्होंने ये झंडा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के बेज़वाडा अधिवेशन में गाँधी जी के समक्ष पेश किया था. बाद में गांधी जी के सुझाव पर झंड में सफ़ेद पट्टी जोड़ी गई. आगे चलकर चरखे की जगह राष्ट्रीय प्रतीक स्वरूप अशोक चक्र को जगह मिली. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को इसके वर्तमान स्वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था. भारत में "तिरंगे" का अर्थ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज है.
फ़िलहाल पूरा देश टकटकी लगाए देख रहा है कि 26 को ट्रेक्टर परेड़ होगी भी या नहीं!
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