गंभीर हुआ उड़न-तश्तरियों का मामला, अमेरिका ने बनाया जांच दल | DW | 25.11.2021

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अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने उड़न-तश्तरियों के बारे में गहन पड़ताल करने के लिए एक ग्रुप बनाने का फैसला किया है. यूएफओ के नाम से जानी जाने वालीं ये उड़न-तश्तरियां दशकों से विवाद का विषय रही हैं. UFO

अमेरिका उड़न-तश्तरियों की गंभीर जांच करेगा. इसके लिए एक दल गठित किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार रात को यह ऐलान किया. यह ऐलान उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें उड़न-तश्तरियों देखे जाने की घटनाओं का जिक्र था.

जून में आई इस रिपोर्ट में बताया गया था कि यूएफओ देखे जाने की 144 घटनाएं हुई हैं. इन्हें अनआइडेंटीफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट यानी उड़ने वालीं ऐसी चीजें कहा जाता है, जिनकी पहचान सुनिश्चित नहीं है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इन उड़न-तश्तरियों के बारे में किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए समुचित जानकारी उपलब्ध नहीं है.नए ग्रुप को एयरबॉर्न ऑब्जेक्ट आइडेंटीफिकेशन ऐंड मैनेजमेंट सिंक्रोनाइजेशन ग्रुप कहा जाएगा.

वैसे यूएफओ की जांच के लिए बनाया गया यह कोई पहला दल नहीं है. इससे पहले अमेरिकी नौसेना की एक टास्क फोर्स बनाई गई थी जिसे अनआइडेंटीफाइड एरियल फिनोमिना टास्क फोर्स कहा गया था. नया दल उसी टास्क फोर्स की जगह लेगा.पहले जून में रिपोर्ट का आना और अब इस दल का गठन अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के रुख में एक अहम बदलाव का संकेत भी है. अमेरिकी सेना दशकों तक इन दावों को नकारती रही है कि उड़न-तश्तरियों किसी तरह के विमान हैं जिनमें एलियन धरती पर आते हैं.

जून में जो रिपोर्ट जारी की गई थी, उससे पहले रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा था कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं. हालांकि ऐसी कोई पुष्टि नहीं हो पाई है कि ये उड़न-तश्तरियों किसी और ग्रह से आए विमान हैं, लेकिन रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता सू गो ने जून में कहा था,"हम अपने वायु क्षेत्र में किसी भी चीज के आने को गंभीरता से लेते हैं फिर चाहे वह चीज ज्ञात हो या अज्ञात. और हम हरेक की जांच करते हैं.

 

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