खुद को कमजोर करती कांग्रेस, सिंधिया के पार्टी छोड़ने पर नेतृत्व और विचारधारा पर उठे सवाल

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खुद को कमजोर करती कांग्रेस, सिंधिया के पार्टी छोड़ने पर नेतृत्व और विचारधारा पर उठे सवाल MPPoliticalCrisis MPGovtCrisis kamalnath congress JyotiradityaScindia Sanjaygupta0702

आखिरकार मध्य प्रदेश के दिग्गज कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम ही लिया। उनके इस कदम से कमलनाथ सरकार और साथ ही कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा। एक अर्से से यह लग रहा था कि ज्योतिरादित्य कमलनाथ सरकार के रवैये के साथ-साथ कांग्रेस नेतृत्व के रुख से नाराज हैं, लेकिन इसके आसार कम थे कि वह अपने समर्थक विधायकों के साथ बगावत कर भाजपा में चले जाएंगे। उन्होंने ऐसा ही किया। शायद उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला तब लिया जब यह स्पष्ट हो गया था कि कांग्रेस की ओर से उन्हें राज्यसभा...

बहुत समय नहीं हुआ जब वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। कांग्रेस ने उन्हें ही आगे कर विधानसभा चुनाव लड़ा। उन्होंने इस चुनाव में एड़ी-चोटी का जोर लगाया और पार्टी को जीत दिलाने में एक बड़ी भूमिका निभाई। नतीजे आने के बाद कांग्रेस ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाना बेहतर समझा। कांग्रेस ने यह फैसला उस वक्त लिया जब पार्टी की कमान राहुल गांधी के हाथ थी। शायद राहुल ने कमलनाथ की वरिष्ठता और अनुभव को देखते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाना उचित समझा।ज्योतिरादित्य की मुश्किलें तब और बढ़ीं जब वह गुना से...

ज्योतिरादित्य के पिता माधव राव सिंधिया ने अपना राजनीतिक जीवन जनसंघ से शुरू किया, लेकिन बाद में वह कांग्रेस में चले गए। ज्योतिरादित्य के भाजपा में शामिल होने के बाद कमलनाथ सरकार की उलटी गिनती तेज हो गई है। ज्योतिरादित्य समर्थक 22 विधायक बेंगलुरु में डेरा डालने के बाद भोपाल लौटकर विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे सौंपेंगे।मध्य प्रदेश का घटनाक्रम कर्नाटक की याद दिला रहा है। हालांकि कमलनाथ अपनी सरकार सुरक्षित होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन उनके दावे में दम नहीं दिखता। वैसे इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि...

यह भारतीय राजनीति का एक स्याह पक्ष है कि विधायक हों या सांसद, वे मौका मिलते ही अपनी विचारधारा को एक झटके में त्याग देते हैं और अक्सर धुर विरोधी दल में शामिल हो जाते हैं। फिलहाल स्पष्ट नहीं कि मध्य प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता का दौर कब और कैसे थमेगा, लेकिन यह पहली बार नहीं जब कोई सरकार अपने ही नेताओं की बगावत से अस्थिर हुई हो। शायद यह सिलसिला थमने वाला नहीं, फिर भी इस पर तो बहस होनी ही चाहिए कि क्या हमारे नेता बिना किसी पद के जनसेवा नहीं कर सकते?भाजपा में शामिल होते ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को...

 

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Sanjaygupta0702 आज क्या कोंग्रेस सरूँ से हि हिन्दु विरोधी रही है जिनको ये बात समझ आ रही है वो छोड़ रहे हैं

Sanjaygupta0702 कांग्रेस को पुनः पार्टी को तैयार कर नए चेहरों को लाना होगा, तभी पार्टी उठ पाएगी।

Sanjaygupta0702 हा, हमारे नेता बिना पद के जनसेवा नही कर सकते।काहे की जन सेवा? पद पाकर ही तो वो रुतबा, वो अकड़,वो सुविधा मिलती है।सम्पत्ति में भी दिनदुनि रात चौगनी तरक्की होती हैं।और अब तो बस पूरे सेशन अपने गद्दी को बनाने ,रूठने मनाने की जुगत में ही बीतता हैं।

Sanjaygupta0702 आचार धारा 😜

Sanjaygupta0702 नेता क्या है पार्टी का इंजन है तो कूछ लोग वोगी है इसका कमी होगा तो ट्रेन छोटा हो जाए गा ,

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