खतरा न बनने पाए कोरोना का नया रूप, इसकी रोकथाम के लिए करने होंगे ये पांच उपाय

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खतरा न बनने पाए कोरोना का नया रूप, इसकी रोकथाम के लिए करने होंगे ये पांच उपाय CoronaVirus NewVariant Omicron

कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब बन गया है। सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पहचाने गए इस वैरिएंट में कुल 50 म्युटेशन यानी बदलाव हुए हैं। कोरोना वायरस में यह अब तक का सबसे बड़ा म्युटेशन है। इन म्युटेशन में से 30 स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं। स्पाइक प्रोटीन असल में मानव शरीर में प्रवेश के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला वायरस का हिस्सा होता है। यह चिंता की बात है, क्योंकि अधिकांश वैक्सीन वायरस पर कारगर होने के लिए स्पाइक प्रोटीन को ही लक्ष्य करती हैं। अब यह पता लगाने की...

ओमिक्रोन की दस्तक यही स्थापित करती है कि यह संसार अभी कोरोना वायरस पर पूर्ण विजय प्राप्त करने से दूर है। यह भी सही है कि वैक्सीन हमें रक्षा कवच प्रदान किए हुए है। कुछ ही महीनों के भीतर हम कोविड-19 से बचाव के लिए टैबलेट भी बना लेंगे। फिर भी वायरस की अपनी ही एक चाल है और उसकी यह राह न केवल अत्यंत अप्रत्याशित, अपितु अत्यधिक तीव्र भी है। इसी साल अप्रैल में इस वायरस से हमारा सबसे भयंकर सामना हुआ था। तब भारत में फैले डेल्टा वायरस ने हमारी पूरी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को तहस-नहस कर दिया था। उस लहर से...

चौथा, भारत को अपने बल पर देखना होगा कि ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन कितनी प्रभावी है? परखना होगा कि कोविशील्ड और स्वदेशी कोवैक्सीन कोरोना के इस नए स्वरूप के खिलाफ कैसा काम करती हैं? अगर यह वैरिएंट हमारे देश में आता है तो हमें वैक्सीन की मांग में बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना होगा। यह सुनिश्चित करना होगा कि वैक्सीन का पर्याप्त स्टाक समय से कर लिया जाए।

पांचवां और अंतिम उपाय जागरूकता से जुड़ा है। यह एक जन अभियान है। अगर आप नए साल पर विदेश घूमने की योजना बना रहे हैं तो उसे टालने के बारे में सोचिए। अगर आपने अब भी वैक्सीन नहीं ली है, तो अविलंब ले लीजिए। अगर आप अब भी तय नहीं कर पा रहे तो कोविड के खिलाफ अपनी एंटीबाडी की जांच कराएं। शारीरिक दूरी, मास्क पहनने और हाथ धोने जैसे आसान कदमों को अपनाएं। हमें अर्थव्यवस्था या कामकाज को बंद करने की जरूरत नहीं, लेकिन अनावश्यक जोखिम से अवश्य ही बचना होगा। सावधानी ही कोरोना वायरस से सबसे अच्छा बचाव...

दुनिया के तमाम देशों के मुकाबले भारत किसी भी वैरिएंट से निपटने के लिए कहीं अधिक तैयार है। हमारे साथ अब वह स्थिति नहीं रही, जब डेल्टा ने हमें चौंका दिया था। फिर भी हमें लापरवाह नहीं होना है। ओमिक्रोन को पूरी गंभीरता से लेना होगा। हमें याद रखना होगा कि ओमिक्रोन फिर से म्यूटेट हो सकता है। बिल्कुल वैसे जैसा हमने मार्च में डबल म्युटेशन होते देखा था। महामारी कम हुई है, लेकिन खत्म नहीं हुई है और भारत को सतर्क रहना चाहिए। डेल्टा ने हमें जो सबक सिखाए हैं, उन्हें कभी नहीं भूलना...

 

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