क्यों दबे रह जाते हैं गंभीर पर्यावरणीय अपराध | DW | 03.03.2021

  • 📰 DW Hindi
  • ⏱ Reading Time:
  • 95 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 41%
  • Publisher: 63%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

पर्यावरण से जुड़े विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि जिस रफ्तार से पर्यावरणीय अपराध बढ़ रहे हैं, उनकी सुनवाई और निपटारों की प्रक्रिया सुस्त और बोझिल है. environment EnvironmentalJustice Crime

रिपोर्ट में आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि अदालतों में आने वाले नए मामलों की तुलना में मामलों को निपटाने की दर बहुत कम है. और इससे लंबित मामलों का ढेर ऊंचा होता जा रहा है. 2019 में पर्यावरण से जुड़े करीब 35 हजार अपराध दर्ज किए गए थे. सात हजार से ज्यादा मामलों की पुलिस जांच चल रही है और करीब 50 हजार मामले अदालत में सुनवाई पूरी होने और फैसले का इंतजार कर रहे हैं.

अभी तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक देश में 2019 और 2020 के बीच वन्यजीव अपराधों की संख्या में गिरावट आई थी. इसके बावजूद भारत में हर रोज दो मामले दर्ज किए जाते हैं. कुल वन्यजीव अपराधों के 77 प्रतिशत मामले उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में दर्ज किए गए. जिन राज्यों में ऐसे अपराध बढ़े उनमें गुजरात, बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्य भी बताए जाते हैं. मामलों की कछुआ चाल पर डाउन टू अर्थ का कहना है,"एक साल में मौजूदा बैकलॉग खत्म करने के लिए अदालतों को हर रोज 137 मामले निपटाने होंगे.

अगर थोड़ा पीछे जाएं तो इस निराशाजनक सिलसिले का पता चलता है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो का डाटा बताता है कि 2016 और 2017 के बीच पर्यावरणीय अपराधों में आठ गुना वृद्धि हुई थी. एनसीआरबी के अपराध डाटा के मुताबिक 2016 मे पुलिस ने 4,732 पर्यावरणीय अपराध दर्ज किए थे. 2017 में ये मामले बढ़कर 42,143 हो गए. करीब 30 हजार मामले तो तंबाकू कानून के थे. उसकी तुलना में वायु और जल प्रदूषण के 36 मामले ही दर्ज हो पाए. जबकि एक सच्चाई यह भी है कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14 भारत में ही है.

अक्सर यह सवाल पूछा जाता है कि अगर जंगलों, संरक्षित वनों, अभ्यारण्यों और आरक्षित क्षेत्रों में अवैध कटान, अवैध खनन, अवैध निर्माण, अवैध शिकार, वन उत्पाद और जानवरों के अंगों की तस्करी आदि गैरकानूनी और अपराध माना जाता है, तो फिर कुदरती लैंडस्केप और पर्यावरण और पारिस्थितिकी के अत्यंत नाजुक तानेबाने को छिन्नभिन्न करने वाले और कई संवेदनशील प्राकृतिक हलचलों को ट्रिगर कर देने वाले कथित निर्माण को क्या कहेंगे.

विकास कही जाने वाली वो चीज आखिर किस कीमत पर हासिल होती है, यह छिपी बात नहीं हैं. कुदरती तबाहियों से हम जानते हैं, इसीलिए बात सिर्फ शहरों के प्रदूषण, गंदगी और कूड़े के ढेर, वाहनों के शोर, हाईजीन, पेयजल, सैनिटेशन, सीवेज आदि की नहीं है, बात पहाड़ों, नदियों, जंगलों और उनके जीव-जंतुओं और वनस्पतियों और जंगल में रहने वाली जनजातियों और आदिवासी समुदायों के अस्तित्व की भी है. इसीलिए अनापशनाप विकास की होड़ के बीच बार बार समावेशी विकास पर जोर देने की बात की जाती रही है.

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।
हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 8. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

क्यों करियर में अक्षय- अजय से पीछे रह गए सुनील शेट्टी, खुद बताई वजहसुनील शेट्टी ने 90 के दशक में अक्षय कुमार और अजय देवगन जैसे सितारों के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। लेकिन उनका करियर इन सितारों की तरह चमक नहीं सका। ऐसा क्यों हुआ इसका जवाब खुद सुनील शेट्टी ने दिया है। SunielVShetty क्यू पीछे रह गए। किया ये जानने से किसी का ऑक्सीजन लेबल भड सकता है अगर नही तो ये चुटिया पँटी की पोस्ट न करो
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »

अरुणाचल प्रदेश में यूरेनियम की खुदाई पर चीन क्यों बौखलाया | DW | 23.03.2021भारत में पहली बार यूरेनियम का भंडार तलाशने के लिए किसी जगह को आरक्षित किया गया है. अरुणाचल प्रदेश में यूरेनियम का भंडार मिलने और वहां उत्पादन शुरू होने के बाद भारत इस मामले में आत्मनिर्भर हो सकता है. India ArunachalPradesh uranium China
स्रोत: DW Hindi - 🏆 8. / 63 और पढो »

Coronavirus संक्रमण की क्यों नहीं थम रही रफ्तार, क्यों परेशान हैं एक्सपर्ट्स?एक फरवरी को इस साल महज 8,635 नए केस दर्ज किए. 1 अप्रैल को वहीं 81,456 नए केस दर्ज किए. यह अब तक का 2021 में सबसे बड़ा आकंड़ा है. कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. राज्य तमाम तरह के प्रतिबंध लगा रहे हैं. बीते 24 घंटे में कोरोना के मामले बेकाबू हो गए हैं. कोरोना अब विकराल रूप दिखा है. एक्सपर्ट्स को ये आंकड़े स्पेनिश फ्लू जैसे लग रहे हैं. देखें वीडियो. Hello, my name is Sunny!I am a glove supplier from China!
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

छत्तीसगढ़ में 13 किन्नर बने पुलिस कांस्टेबल | DW | 03.03.202113 किन्नरों को पुलिस में भर्ती कर छत्तीसगढ़ ने किन्नरों को बराबरी के अवसर देने की दिशा में नई पहल की है. इससे कठिनाइयों का सामना करने पर मजबूर किन्नर समुदाय के लिए सम्मान और आजीविका पाने के नए रास्ते खुलने की उम्मीद है.
स्रोत: DW Hindi - 🏆 8. / 63 और पढो »

दंगों का दर्द या मरकज बना मर्ज...सीलमपुर में AAP से क्यों छिटक गए मुसलमान?दिल्ली एमसीडी उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को चार सीटों जीत मिली है जबकि मुस्लिम बहुल सीलमपुर इलाके की चौहान बांगर सीट पर कांग्रेस के हाथों उसे करारी मात खानी पड़ी है. आम आदमी पार्टी की वहां पर हार हुई, जहां पिछले साल दंगे हुए थे. ऐसे में सवाल उठता है कि सीलमपुर में मुस्लिम समुदाय के केजरीवाल से दूर छिटकने के पीछे दंगे का दर्द या तबलीगी जमात के मरकज के खिलाफ लिया गया एक्शन है? 'BJP ko har jagah haar mili' ki news is form mai daal ke dikhao wrna wo unbiased journalism wala ad hata do. RSS k haatho bika hua insaan kabhi bhi Muslimo ka khairkhwah nahi ho sakta. Muslim jitni jaldi in bahrupiye insaan ko samajh le utna achcha varna muslim vote ko bhi RSS ko bechne ka kaam ye aadmi karta rahega. BJP ko 100/. Jeet mili
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »