एनएसएसओ जो भी आंकड़े इकट्ठे करता है वो एक खास पद्धति से जुटाए जाते हैं. एनएसएसओ के रोजगार के आंकड़ों के लिए घर-घर जाकर सर्वे होता है और उसके आधार पर आंकड़े इकट्ठे किए जाते हैं. इसमें सभी को तो नहीं लिया जा सकता लेकिन सैंपल सर्वे बनाया जाता है जो कि पूरी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व कर सके.
ये एक बहुत बड़ी बात है कि आखिर सरकार के पास फिर कौन से आंकड़े हैं?. सरकार किस आधार पर नीति बना रही है. एफएमसीजी सेक्टर बोल रहा है कि उनकी जो वृद्धि दर है वो कम हो गई है. उसी तरह ट्रांसपोटर्स बोल रहे हैं कि हमारे ट्रकों की आवाजाही कम हो गई है. इसके अलावा औद्योगिक उत्पादन का जो आंकड़ा आया है उसमें तो दिखाया गया है कि पिछले दो साल में पहली बार वृद्धि दर नकारात्मक है. उसमें गिरावट आ गई है.सरकार तो कहेगी ही कि सबकुछ ठीक चल रहा है लेकिन मुझे लगता है कि इस समय अर्थव्यवस्था के सामने एक तरह का संकट खड़ा है.
अपनी नाकामी को कैसे कैसे कह पाएंगे कि मंदी है कुछ भी कहो निकल जाओ
अभी इस पर भी एक कानून बनेगा।
Chaddi Baniyan Geng Halki Soch Halke Vichar,,, Yehi Inki Ouqat,,, Koy Shak,,,, ! Check The Ground Reality Thodasa Sacha Ho Jaye Inko Nazadik Ka Kam Dikhay Deta Hey Check His Eyes,,, !
मंदी का नजरिया है करोड़ों अरबों खरबों का फायदा जो है देश की मोबाइल कंपनियों को हो रहा है पता नहीं अर्थशास्त्री कांग्रेश के अनर्थ शास्त्री है क्या भाई विश्व बाजार की स्थिति से भाव चलते उड़ते रहते हैं 70 साल में कांग्रेस के राज में हुआ तभी सब साले सो रहे थे
Of Course, with this man as PM India will grow economically with Jupiter Escape Velocity.
इसलिए कहते हैं प्रसाद जी चरस कम लिया करो🤐🤔
अबे ये नज़रिया किसका है बे...
क्यों, भक्तों के बापू को खुश करने के लिए कुछ भी कह सकता है ये। कुम्भकरणी माता।
बकचोदी में बकचोद शरमा जाए किस जगह के लोग जाते फिल्मों को देखने । पटना में भाईसाब फ़िल्म की गणित देख रहे थे।
🤣🤣🤣🤣
ठीक हे फ़िर भी समझदार को ईशारा ही,,,,,,,
Like this Sholay was released in 1975 during Emergency period of India , it was and still one of the biggest hits of indian films 🎥 then let’s assume that there was no emergency impact on India ?
Ye Log Sathiyaa Gaye hain...
भारत के महान अर्थशास्त्री सर को नोबल मिलना चाहिए
BJP film is doing good business at box office.... 😂 Best Horse Trading Party...😂 BBCBusiness Kirtishbhat Kirtishbhat RajeshJoshi fteconomics ftfinancenews WSJbusiness FTcare AJENews nytimesbusiness priyankagandhi
इस गधे के भौंकने से यह मालूम पड़ता है मंत्री नहीं यह घसियारा है
BBC news ko India ki tarkakki pasand nhi h
Tamashebaz and kutarki.
Jai jai shiv sanker mast he bara kalander
हो सकता है 2020 का बजट Bollywood और Tollywood के box office collection के आधार पर बने 😆😜😂
नहीं, कुछ पार्टि के नेताओं के घोटाले की रकम से पता चलता है कितने नेता जेल गए, कितने नेता जेल के दरवाजे पर है और कितने के ऊपर cid, cbi, it की जांच चल रही है और घोटाले की रकम क्या है उससे अर्थव्यवस्था का पता चल सकता है उनके समय में कैसी रही होगी एवं आने वाले समय में कैसी रहेगी
Film log dekhane jate hai, isase uname samaj ke prati ek soch develop hoti hai, par log film ko entertainment ka sadhan manate hai. Yadi film dekhane se logo me samaj ke prati responsibility aa jaye tab to mana jaye ki ye udyog kam ka hai.
ये बंदा खुद अपनी सरकार के आंकड़ों को ही नहीं मानता है। तो देश की जनता मूर्ख क्यो बन रही है।
Enko movies ke kamay dekhati hai kya en payso sai daish chali ga sir!
भाजपा में जो भी है सब जाहिल है, कोई शक।
इन नेताओं की बुद्धि भी उनके नाक तक ही होती है, कुछ भी बोलते रहते हैं|| इन्हें क्या फर्क पड़ता है, जनाब कहने और करने में बड़ा अंतर होता है || ये चिल्ला चिल्ला कर कह रहे हैं कि हम 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाएंगे || धन्य हो भारतीय राजनेता😀😀
रघुराम राजन अर्थ शास्त्री पागल हे मनमोहन सिंग अर्थ शास्त्री पागल हे स्वामी अर्थ शास्त्री पागल हे ओर जनता सबसे बड़ी पागल हे जो मंदी मंदी चिल्ला रही हे सरकार ओर सरकार के मंत्री को GDP,IIP Data,Manufacturing Data,Unemployment Data,GST revenue,भी low leval नही दिखाई देता
This is MODINOMICS
अब तो सच में मंदी आ गयी है...👇🏻 . . . . अम्बानी भी पैसे माँगने शुरू कर दिये..!!! Jio 6 पैसे प्रति मिनट 😝😝😝
फकीर की भतीजी की पर्स में 50 हजार नकद, दो मोबाइल और हवाई जहाज की टिकिट निकल रहे है, कहाँ है मंदी : अतिभयंकर प्रसाद
Shame on Ravi Shankar Prasad👎👎😠😡
आब देश की GDP दर कृषि, उद्योग और सेवा उत्पादन के आधार पर नही, एक साल में बनी फ़िल्म और TV_सीरियल की संख्या के आधार पर तय होगी... क्यो की..... देश_बदल_रहा_है
नाकामी से हुये काले मुँह को .....ढकने के लिये ...कोई न कोई आवरण चाहिए
पागल हो गया है क्या
अबे फिल्मों में रेपिस्ट को सजा दी जाती है दिखाया जाता है और मोबलीचिंग करने वाले को भी फिल्म से जोड़ रहे हो बाबा तुमने तो सबको धीरे-धीरे बरी कर दिया बच्चा चुटिया आनंद है आओ के बाद यह भी बरी हो जाएगा देख लेना
No
कल जब 'शौचालय' के बाहर 'Q' देखेंगे तो rsprasad कहेंगे कि ... लोगो ने जरूर कुछ खाया होगा, कचरे से उठाकर खाया हो, या भीख मांग मांगकर खाया हो, इसीलिए तो शौचालय के बाहर लंबी लाइन है? 🤗😇😋
हाँ नाले की गैस पर चाय बन सकती ओर टयुब मे डालकर स्कूटर पर रखकर खेत मे ले जाकर पम्प सैट चलाया जाता , तो फ़िल्मों से नोबल !
Just like, vehicles ki sale decrease hone aur unemployment se v Mandi ko nhi aankaa ja sakta
इस इस्तीफा मंत्री को ये पता नहीं दस में से एक फिल्म ऎसी कमाई करती है बाकी नौ तो अपनी लागत ही नही निकाल पाती, देश के अधी संख्य लोग संकट से जूझ रहे हैं और ये संघी उनकी परेशानी का मजाक बना रहे हैं
There are three stages of grouth 1 reaching upto tail end 2 saturation 3 on demand production If a businessman understands these points His business will not fail
मन्दी नहीं है तो उपाय किसके लिये किये जा रहे हैं
यह हुई ना बात आ गए बुद्धिजीवी बनके अगर बेवकूफ की गिनती हुई तो आप का भी नंबर उसमें ऐड होगा वह भी प्राइस लेने के लिए😁😁😁😁😁
यह कैसे राजनेता देश को मिल गए हैं कि मंदी की बात करते ही ,अनाप शनाप घटिया बयान दे रहे है।
सबके अपने अपने आधार मंदी है और मंदी नही है। सरकार के अपने तथ्य और विपक्ष के अपने तथ्य। बेरोज़गारी विश्व व्यापी है तो इसका असर देश मे भी है परन्तु सरकार बच नही सकती कि हमने बेरोजगारी कम की । जनता ने 10 साल का टर्म दिया है सुधार दिखना चाहिए।
रवीशंकरके नजरीयोंसे देखेंगे तो नही कहेंगे. सितारमण की नजरीयोंसे देखेंगे,दिखेगी. शहा के निगाहसे देखेंतो मंदी जनताके दिमागमे है,भारतमे मंदी है ही नही तो कैसे और कहाँ दिखेगी. मोदीको दिखनेका सवाल ही नही,वह देशमे कम विदेश मे,विदेशी दोस्तोंमे व्यस्त रहते है.
100 फ़िल्म बने और 3 हिट हुए .....परसेंटेज बताओ मंत्री जी।
और अगर फिल्म फ्लाप तो क्या समझा जाए....?☺️☺️☺️
बर्बादी ए गुलिस्तां को एक ही उल्लु काफी था, अन्जामे गुलिस्तां क्या होगा जब हर शाख पे उल्लु बैठा हो
Now film will decide of indian economy
ये देख ने बाद सब को पता चल ही गया होगा कि बीजेपी सरकार को अर्थव्यवस्था के बारे में कितनी जानकारी है। और क्यो अर्थव्यवस्था डूबती जा रही है।
सिर्फ वाहन व भौतिक संसाधनों से भारत की अर्थव्यवस्था का अंदाजा कैसे।पर्यावरण संरक्षण के लिए शुभ संकेत है।शहरों में पार्किंग के लिए स्थान नहीं है।सार्वजनिक साधनों का उपयोग बढा है।70%भारत गाँव में रहता है।दुखी पूंजीपति है और कलियुग में शशक्त की परेशानी वैश्विक परेशानी कहलाती है।🕊🚴♀️
अर्थव्यवस्था का हाल ठीक है, सप्लोग फ़िज़ूल चिंता ना करें🤡👻👺
होऊडी मोदी के बाद अपार सफलता हासिल कर रही है - 'द रैग-पिकर' जिसकी एक ही शो से कमाई की गिनती रविशंकर प्रसाद अभी तक पूरी नहीं कर पाए हैं
फिल्मिस्तान एक इंडस्ट्री है। वह अपने प्रोडक्ट को बेच रही हैं जबकि सरकारी अर्थव्यवस्था की जवाबदेही राजस्व की उगाही से नहीं उसके वितरण एवं प्रबंधन की है। ₹१५०करोड़ का व्यवसाय कर लिया लेकिन हालीवुड में ₹७०००करोड़ के बिजनेस होते हैं और अकेले नायक ही ₹३००करोड़ तो मेहनताना लेता है।
देशहित मे ज्यादा से ज्यादा फिल्मे देखकर मंदी पर चोट करे 😂😂😂
Look like the pranks are admit to the Government of India
आईफोन घंटे भर में आउट ऑफ स्टाक हो जाता है, इससे भी कोई मतलब नहीं है?
लगता हैं सारे मसखरे,, भारत सरकार मे भर्ती होगये हैं,,
जाहिल की मुख से ऐसे ही बात निकालतीं है
Ise kehte hai education kitni important hai, kuch bhi matlab kuch bhi...Shri shri ravishankar uncle filmy ho gae
संसद की कैंटीन में मिलने वाले खाद्य पदार्थों की रेट देखें तो लगेगा, मानों पूरा देश की जनता लजीज व्यंजनों स्वाद ले अय्याशी कर रही है, जहाँ भूख और गरीबी का नामो निशान तक नहीं, नौकरी, व्यापार, कामधंधे करने की जरूरत नहीं, देश में सभी को घर बैठे वेतन, भत्ते सरकार दे ही रही है
Mobile,t.v ,gadi Ko v adhar banake bolo
अब तो यकीन कर लो कि मंदी सच में आ गई है। अब तो अम्बानी को भी भीख मांग नी पड गई है। JioUsers
rsprasad अकेले बेअक्ल नही है भाजपा में बहुतों है और सिर्फ बंगाल और केरल में हिन्दू के बलात्कार और कत्ल से ये साबित नही होता कि हिन्दू पर अत्याचार नही हो रहा
बेयोजगरी भी नजर नहीं आती। परेशान वोही लोग हैं जो कर्महीन हैं।
Ravi ji told one of factors responsible for good economy. Businesses of film factor for assessment of economy recently added by bjp economicsts. So now this factor is applicable for economy assessment.
तो वामपंथी जेहादी मूर्खो के कहने से चलेगा ? उसने 10 पॉइंट बोले थे वहः क्यो नही बताता बे .
सिर्फ फ़िल्म ही नहीं होटल व पिकनिक आदि में लोग जी खोलकर खर्च कर रहे हैं। आम आदमी खुश है। फिर मंदी कहाँ है।
Nahin,filmon se nahin pata chalta arthvyavsatha ka haal. Ek padha likha economist/buddhijeevi Kay hi haath main hain-economy ko theek karna .
Nautanki wale endorsing nuantanki walahs ..all economist ...auto sector ..manufacturing growth trends stands nowhere now ....actually they know that anything they say would be endorsed by bhakts and spread by IT cell..
ये तो पढ़ा लिखा अनपढ़ है इसकी बातों को क्या सीरियसली लेना।
रविशंकर प्रसाद जी इसमें पॉपकॉर्न, समोसे, पानी के बोतल का टर्न ओवर जोड़ना भूल गए.. चलिए फिर भी यह नंबर मामूली नहीं है..
Harami bahoot zaldi U turn
बो अधार कहां है बताना किसको है
Keh sakte hain jb Pappu k base pe Gandhi ka pata chl sakta hai
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