ऐसे में हर किसी को आवास देने के लिए कितने घरों की ज़रूरत होगी, इसका पता लगा पाना बेहद मुश्किल है.
यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि मौजूदा योजना या इससे पहले की योजना में केवल उन लोगों को घर देने का वादा शामिल नहीं है जिनके पास घर नहीं है बल्कि जो लोग कामचलाऊ घरों में रहते हैं, उन्हें भी पक्के घर मुहैया कराया जाना है.मौजूदा योजना में सरकार न्यूनतम आय वाले लोगों को प्रत्येक घर के लिए एक लाख तीस हज़ार रुपये का अनुदान देती है. इसका उद्देश्य इन परिवारों को शौचालय, बिजली और कुकिंग गैस कनेक्शन जैसी आधारभूत सुविधाओं से युक्त मकान देना है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़, दिसंबर 2018 तक 65 लाख आवासों को स्वीकृत किया जा चुका है. यह ऐसी ही योजना में पिछली सरकार द्वारा 2004 से 2014 में स्वीकृत आवास की संख्या से ज़्यादा है.भारत में रिहाइशी मकानग़ौरतलब है कि सरकारी फ़ाइलों में एक आवास को स्वीकृति मिलने में एक साल का वक़्त लगता है और उसे तैयार करने और लोगों को देने में कुछ और साल का.लगाया है कि शहरी क्षेत्रों में एक करोड़ आवास का लक्ष्य पूरा करने के लिए सरकार को 2022 तक 1500 अरब रुपया ख़र्च करना होगा.
हालांकि, रिपोर्ट ये भी बताती है कि सरकार ने अब तक अनुमानित लागत का केवल 22 फ़ीसदी पैसा ख़र्च किया है.नई तकनीक के इस्तेमाल का अभावसेंटर फॉर अर्बन एंड रूरल एक्सीलेंस की निदेशक रेनू खोसला के मुताबिक़ ज़मीन एक अहम मुद्दा है.रेनू खोसला बताती हैं, शहर के बीचों-बीच ज़मीन की कमी के चलते आपको दूर दराज़ के इलाक़े में घर बनाना होता है, जहां लोग परिवहन और काम धंधे की कमी के चलते जाना नहीं चाहते हैं.ग्रामीण क्षेत्र में 2016 से 2019 के तीन सालों में एक करोड़ आवास बनाने का लक्ष्य था.
लेकिन मौजूदा सरकार का प्रदर्शन 2009 से 2014 की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार की ग्रामीण आवासीय योजना से बेहतर है.के मुताबिक़ कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार के पांच साल के दौरान आवास बनाने की सालाना दर 16.5 लाख आवास रही थी.रिएलिटी चेक से जुड़ी अन्य ख़बरें पढ़ने के लिए यहां
हां।
Nhi
Hoga par sahi logon ko ghar mile iski guarantee kaun lega Gas connection baantane main down the line dhandali hui hai
रोटी कपड़ा और मकान तीन चीजें तो शायद नहीं ही दे सकती है।
जब तक जनसंख्या नियंत्रण नहीं किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करना सपनों जैसा है
15 lakh ke chakar main Koi shota hi Nahi to Sapane kaha se dekheGa...
Yes
हाँ अधिकतर सब नहीं
किसी को मकान नहीं दे पाएगें क्योंकि मोदी जी झूठ बोलते हैं भारत की जनता से 60 महिना का समय मागे थे भारत की जनता 60 महिना की समय देदिया मगर पुरा वादा झूठा निकला कहे थे कि हर गरीब आदमी के खाता मे 15 लाख रुपया दिया जाएगा ऐसे ही तमाम वादा किए थे एक भी वादा पुरा नही हुआ सव झुठा निकला ।
जिस दिन हिन्दुस्तान की प्रापर्टी जमीनो का एप प्लेटफार्म बना किसके पास कितनी जमीने मकान का डाटा मे आधार पेननम्बर बैक खाता कन्फर्म लिंक हो जाये बाद मे यह डाटा आनलाइन पारिवारिक डिजीटल राशनकार्ड मे दर्ज हो जाये तब जन्मकुंडली बनेगी किसके पास मकान जमीने है या नही वो दिन आयेगा तब सबको
I_am_Anil_Tyagi 🔔🔔🔔🔔🔔🔔
Sure
दे तो दी 125 करोड़ लोगों को घर की चाबी 🤣🤣
मोदी क्या भारत की कोई सरकार नहीं दे पाएगी 133 करोड़ (136 से 138 करोड़ संभावित) लोगो के लिए घर आसमान मे बनाओगे या पानी मे या साफ करोगे पूरी जंगल ओर सारे खेत मे बनाओगे किसी को ये दिख भी रही है आगे होने क्या वाला है कब जनसंख्या नियंत्रण कानून आएगा 😡😡😡😡
पूरी तरह से जुमलेबाजी है।जब २०१४ के चुनाव के समय के कोई भी वादे पूरे नहीं किए तो अब क्या पूरे करेंगे।हर बार की तरह “थूक कर चाटेंगे” यानि पाँच साल तक केवल कांग्रेस की बुराई करेंगे,धर्म व गाय पर उलझाएँगे।पाकिस्तान पाकिस्तान खेलेंगे।BJP4India AamAadmiPartyइन्सेंडीएरी
Yes
हा हो सकता है
No
गुजरात में कर दिए थे क्या मोदी जी
Pet bhar roti Nahi de pa Ravi Sabhi Sarkaren Makann Question he galat hai.
Pura kar rahi hai bbc
Never ending story
पिछला 15लाख मे बढोतरी कर नया स्कीम 20-30लाख का एक घर जुमला अच्छा है?☺☺☺☺☺☺☺☺☺
प्रैक्टिकली मुझे तो यह असंभव सी बात लगती है।
Makan mil ne ke bad bhi kutch log sadko par hi rah ne wale, jaise bhikh magne wale ko ₹100/- de ne ke bad bhi vo bhikh magta hi rah ta he
15 लाख दे दिये अब मकान भी दे देन्गे 😂😂😂😂
पिछले पाच सालो मे जुमले साबित हुये.. वैसे ही..जुमले ही साबित होंंगे.
100% सबको मकान मिलेगा
कोई शक नही सभी लोगों का घर का सपना पूरा होगा
लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो गया है, भारत के भाग्य विधाता भारत की जनता 1 दिन की राजा बनने वाली है, जनता को अपने विवेक से सांसद (MP) को चुनना चाहिए, सांसदों को अपने विवेक से मंत्री और प्रधान मंत्री चुनने का मौका देना चाहिए, अबकी बार 'प्रधानमंत्री' कौन
जैसे 15 लाख रुपए, काला धन, राम मंदिर, धारा 370, तेल की कीमत, डॉलर की कीमत, नौकरियां, इत्यादि का किया है ।
बिहार सरकार ने 2016 मे Urban Development के अन्तर्गत House for all (HFA) परियोजना क्रियान्वयन के लिए कर्मीयों की बहाली निकाली थी जो आज तक लम्बित है इसलिए सबको घर सिर्फ एक जुमला है इसके लिए पहले से ही पुनर्वास/कोशी पुनर्वास, CM/PMआवास योजना जैसे-तैसे चल ही रही है
Any doubt....? Clear u r doubts....
5 साल तो दूर 50 साल भी अगर मोदी को मिलते है तब भी सबको मकान देने का पूरा काम नहीं कर पाएगी मोदी सरकार
बेशक
जिनके पास झोपड़ी थी वो बजी तोड़ दी
कभी नहीं, क्योंकि उसकी योग्यता झूंठ बोलना है, ना कि जनहित के काम करना
Han kyon ki Shuru kr Dia hai
मोदी हैं तो मुमकिन हैं
Promised is done to fulfil it Modi will try to fulfil his promise No doubt
न दिया है न देगा चौकीदार चोर ने
जरूर
जरू होगा
नहीं
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