अभी हाल में ही WhatsApp का पिंक वर्जन काफी चर्चा में था. इसमें यूजर्स को WhatsApp पर एक लिंक सेंड किया जाता है. इस लिंक से यूजर्स को WhatsApp पिंक वर्जन डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है. दावा किया जाता है कि WhatsApp Pink में कई नए फीचर्स दिए गए हैं. ये ऐप यूजर्स के फोन से पर्सनल डेटा चुरा लेता है. साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर Rajshekhar Rajaharia इस फेक ऐप को कई बार रिपोर्ट कर चुके हैं. उन्होंने इसको लेकर कुछ स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है.
प्ले स्टोर पर गूगल की ओर से सेफ्टी स्कैन टूल दिया जाता है उसे जरूर ऑन रखें. WhatsApp पर मैसेज अगर किसी ने फॉरवर्ड किया है तो मैसेज के साथ फॉरवर्ड का लेबल लगा रहेगा. इससे आप पता कर सकते हैं कि मैसेज आपके दोस्त ने क्रिएट किया है या उसे फॉरवर्ड किया है. आप अगर किसी मॉडिफाइड वॉट्सऐप वर्जन यूज करते हैं तो इसमें कई तरह के रिस्क हैं. ऐप इंस्टॉल होने के बाद आप से कई तरह के परमिशन लेता है. इसमें वो कैमरा, स्टोरेज, कॉन्टैक्ट के ऐक्सेस का भी परमिशन लेता है. इन डिटेल्स का मिसयूज किया जा सकता है.