केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा मंगलवार को दिए गए एक बयान ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा. उन्होंने कहा कि सरकार ने कभी भी यह नहीं कहा था कि देश में सभी लोगों का टीकाकरण किया जाएगा. फिर बात को थोड़ा और स्पष्ट करते हुए भूषण ने बताया कि सरकार का मानना है कि अगर एक आवश्यक संख्या में लोगों को टीका दे दिया जाए तो वायरस के प्रसार की चेन टूट जाएगी.
समस्या यह है कि कोविड को हरा चुके सभी लोगों की अवस्था एक जैसी नहीं होती. कुछ लोगों के शरीर में एंटीबॉडी विकसित होती हैं और कुछ लोगों में नहीं भी होती. एंटीबॉडी शरीर में विकसित हो जाने के बाद भी उनसे व्यक्ति को कोविड-19 से स्थायी सुरक्षा मिल जाती हो इसका भी प्रमाण अभी तक नहीं मिला है. एंटीबॉडी कितने दिनों तक शरीर में रहती हैं, इस पर भी विवाद है. कई अध्ययनों में पाया गया है कि एंटीबॉडी संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों के शरीर में सिर्फ कुछ ही हफ्तों तक रही. इतनी सारी जानकारी के अभाव में टीका सिर्फ सीमित संख्या में लोगों को लगाने का निर्णय लोगों को अचरज में डाल रहा है.उधर, यूके में वैक्सीन का इंतजार खत्म हो गया है. बुधवार को यूके सरकार ने फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को इस्तेमाल की इजाजत दे दी और कहा कि टीकाकरण अगले सप्ताह शुरू हो जाएगा.
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