क्या महिलाओं का दिमाग़ पुरुषों से अलग होता है?

  • 📰 BBC News Hindi
  • ⏱ Reading Time:
  • 51 sec. here
  • 2 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 24%
  • Publisher: 51%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

पढ़िए और समझिए कि महिलाओं और पुरुषों की बौद्धिक क्षमता पर विज्ञान क्या कहता है?

रिप्पन ख़ुद इस बात की वक़ालत करती हैं कि इंसान का दिमाग़ लिंग की बुनियाद पर एक दूसरे अलग नहीं होता.पैदाइश से लेकर बुढ़ापे तक हमारे बर्ताव, चाल-ढाल और सोच-समझ के तरीके को आधार बनाकर ही मान लिया गया है कि औरत और मर्द के दिमाग़ में बुनियादी फ़र्क़ है.रिप्पन को इस बात की तकलीफ़ ज़्यादा है कि वर्ष 2019 में भी हम ऐसी दक़ियानूसी सोच को आगे बढ़ा रहे हैं. लैंगिक भेदभाव आज भी जारी है. भले ही इसका रंग-रूप बदल गया है.

रिप्पन कहती हैं अक़्ल औऱ समझ का संबंध अगर मस्तिष्क के आकार से होता, तो हाथी और स्पर्म व्हेल का दिमाग़ आकार में इंसान से कहीं ज़्यादा बड़ा होता है. तो फिर उनमें इंसान जैसी समझ क्यों नहीं होती. बताया जाता है कि मशहूर वैज्ञानिक आईंस्टाइन का मस्तिष्क औसत मर्दों के मुक़ाबले छोटा था. लेकिन उनकी समझ और अक़्ल का कोई सानी नहीं था.इस बुनियाद पर कहा जा सकता है कि दिमाग़ के आकार का अक़्लमंदी से कोई लेना देना नहीं है. फिर भी, समाज में फ़र्क़ करने वाली सोच अपनी जड़ मज़बूत किए हुए है.

हमारी सोच को शक्ल देने में हार्मोन का बड़ा रोल होता है. औरतों को हर महीने मासिक धर्म की बायोलॉजिकल साइकिल से गुज़रना पड़ता है. इस वक़्त उनके शरीर में कई तरह के हार्मोन रिसते हैं. और इसी बुनियाद पर उन्हें कई अहम मौक़ों पर काम करने से रोक दिया जाता है. रिप्पन एक अन्य रिसर्च के आधार पर कहती हैं कि, माहवारी शुरू होने से पहले महिलाओं में बड़ी मात्रा में एस्ट्रोजन नाम का हार्मोन सक्रिय हो जाता है. और ये महिलाओं की सोचने समझने की शक्ति पर सकारात्मक प्रभाव डालता है.क्या महिलाओं और पुरुषों का दिमाग़ एक जैसा काम करता है?

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।

वैसे ये बात भी पुरुष समाज या पितृसत्ता की ही देन है। जहाँ पुरुष शक्तिशाली है व महिलाएँ कमजोर मानी जाती हैं। और सदैव शक्तिशाली स्वयं को बुद्धिमान व कमजोर को बुद्धिहीन या नासमझ बताता आया है।

कोई काम धाम है कि नहीं... 😡😡😡😡

हाँ मेरा अनुभव कहता है वो चीजों को अलग तरीके से सोचती हैं करती हैं हैं पर कहने का तरीका एक है ।

Ha bilkul

Yes

hnji ...... kbhi महिलाओं se behhs kr dekh lena .........

होता तो है!

O dimag dimag Eiestian Ka dimag Aj bhi jar me rakha hai Concentrate on veins Arteries Tantus Your body Complete package is called brain Mera Mitra Shakti kahta tha ki Vijay 2025 Tak Aadmi chote or sir bade honge Na kabhi humne aisa hone diya

Mahila mei sixth sense hota hai

हाँ। औरतें दिल से और आदमी दिमाग से सोचते हैं! नारी की बुद्धि में गहराई नहीं केवल बहाव होता है! पुरूष की इंटेलीजेंस ब्रह्मचर्य व संयम से निरंतर विकसित करी जा सकती है।

ये एक सच्चाई है

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 18. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

इस जिले के 10,000 आदिवासियों पर राजद्रोह का केस, जानें क्या है पत्थलगड़ी परंपरारिपोर्ट के अनुसार, इन 19 एफआईआर में से 14 एफआईआर में देशद्रोह के चार्ज लगाए गए हैं, जिनमें 10 हजार से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है। जिन लोगों पर देशद्रोह के आरोप लगाए गए हैं, वह खूंटी जिले की कुल जनसंख्या का 2% हैं।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

क्या जमीयत ने सोनिया को शिवसेना के ख़िलाफ़ पत्र लिखा है?महाराष्ट्र में सरकार को लेकर चल रहे सस्पेंस के बीच मुस्लिम संगठन का एक पत्र वायरल. अबे दलालों ये रहा .... कांग्रेस में अब कूबत नही बची है महाराष्ट्र में सरकार बनाना, इसीलिए घबराहट मची है। क्यों लिखें? हमारे लिए सब बराबर है।
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »

पश्चिमी तट की बस्तियों पर नीति बदल कर क्या चाहता है अमेरिका | DW | 19.11.2019पश्चिमी तट की इस्राएली बस्तियों को अमेरिकी समर्थन का रूस और कई अरब देशों ने विरोध किया है. अमेरिका का कहना है कि वह पश्चिमी तट की इस्राएली बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं मानता है.
स्रोत: DW Hindi - 🏆 8. / 63 और पढो »

पाकिस्तान: नवाज़ शरीफ़ को आखिर हुआ क्या है?नवाज़ शरीफ़ को ऐसी क्या बीमारी हुई है जिसका इलाज पाकिस्तान में नहीं हो सकता. Babashir हर उदय को अस्त है ' समय पुरा हो रहा है।
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »

जेएनयू: क्या सस्ती शिक्षा लोगों का अधिकार नहीं है?वीडियो: दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में बीते तीन हफ्तों से फीस बढ़ोतरी को लेकर छात्र संगठनों का प्रदर्शन जारी है. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, द वायर के पत्रकार अविचल दुबे, आईसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एनसाई बालाजी और जेएनयू के छात्र अनिकेत सिंह के साथ चर्चा कर रही हैं. आखिर आप जिओ यूनिवर्सिटी की शुरुआत नहीं होने देना चाहते हैं। कितना फायदा होगा पता है, जियो मोबाइल भूल गए टेलिकॉम इंडस्ट्री की रीड की हड्डी है। अब लाजिक नहीं न लगाइयेगा कि नयी रीड की हड्डी के चक्कर में पूरी इंडस्ट्री साफ होने के कगार पर है ihansraj pappuyadavjapl SanjayAzadSln नहीं, जब देश में अन्य विश्वविद्यालय में छात्र होस्टल की फीस रहे हैं तो जेएनयू के छात्र क्यों नहीं। दूसरी बात यह छात्र कोई 20-25 साल के नहीं है। यह 40-40 के साल के हैं और देश के खिलाफ बोलते हैं। आतंकियों के मरने पर शर्मिंदा होते हैं। इन्हें देश का पैसा फ्री में क्यों खिलाया जाए?
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »

फ़ातिमा लतीफ़ : क्या जाति, धर्म के कारण हो रही हैं आईआईटी में आत्महत्याएं?'मेरे कैंपस से इलीटिज़्म, जातिवाद, वर्गवाद और इस्लामोफ़ोबिया की बू आती है', आईआईटी मद्रास के छात्रों ने अपने फेसबुक पन्नों पर इस तरह की शिकायतें की हैं। फ़ातिमा लतीफ़, डॉक्टर पायल ताडावी, रोहित वेमुला- लिस्ट लंबी है, लेकिन इन नामों में एक बात है, जो कॉमन है।
स्रोत: Webdunia Hindi - 🏆 17. / 51 और पढो »