रविवार और सोमवार दो दिन तक कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक की चर्चा अख़बार से लेकर मीडिया चैनलों और विपक्षी पार्टियों के बीच हर जगह छाई रही.
कपिल सिब्बल का नाम उन 23 नेताओं की लिस्ट में लिया जा रहा है, जिन्होंने वो चिट्ठी सोनिया गांधी को लिखी है और कथित तौर पर पार्टी में 'असंतुष्ट' हैं. सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान बीजेपी के साथ सांठ-गांठ के आरोप पर उन्होंने एक ट्वीट किया, जिसे उन्होंने राहुल गांधी के एक फ़ोन कॉल के बाद डिलीट कर दिया.पोस्ट ट्विटर समाप्त @KapilSibal
आज पार्टी में राहुल का रोल क्या हो, ये बात अधर में अटकी है, वो ना ख़ुद अध्यक्ष बन रहे हैं और ना दूसरे को बनने दे रहे है, ये बात ज़्यादा दिन तक नहीं चल सकती. इसलिए पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना ही चाहिए.उनका मानना है कि अगर राहुल गांधी आज भी पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए अपना मन बना लें तो वो बिना किसी मुश्किल के दोबारा अध्यक्ष बन सकते हैं. सोमवार को जो कुछ हुआ उससे सोनिया गांधी को एक मोहलत मिल गई है, ताकि पार्टी में जो रायता फैला है उसे समेट लिया जाए.
बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी दोबारा अध्यक्ष बनने के लिए तैयार हो जाए तो और बात होगी. लेकिन अगर गांधी परिवार ने ही कांग्रेस में अपने किसी पुराने वफ़ादार को ही अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में उतारा, तो बहुत संभव है कि पार्टी के असंतुष्ट नेताओं में से कोई उस उम्मीदवार को टक्कर देने के लिए सामने आए.
विनोद शर्मा कहते हैं,"अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का सेशन बुलाना एक विकल्प हो सकता है, जहाँ सभी को खुल कर बोलने की इजाज़त होनी चाहिए." इस तरह का एक शह-मात का खेल भी पर्दे के पीछे चल रहा है. सीडब्लूसी के बाद की बैठक इसी तरफ़ इशारा करती है. फ़िलहाल ये संभावना दूर की कौड़ी लग सकती है, लेकिन इन नेताओं की भारत की राजनीति में अपनी अलग पहचान है, अपना वज़न है, इसमे दो राय नहीं है. अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव जीत कर तीनों नेताओं ने ख़ुद को साबित किया है.ग़ुलाम नबी आज़ाद के बारे में रशीद कहते हैं कि उनकी सभी पार्टी के नेताओं के साथ ट्यूनिंग अच्छी है. विपक्ष को राज्यसभा में एकजुट रखने में कई बार उन्होंने पहल की है, ये हमने देखा है.
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गैर गॉधी ठीक है पर योजना तो बतानी चाहिए ।कौन है आगे तो आए ।संघर्ष तो करे ।
राहुल के बाप की है यह कांग्रेस नाम की दुकान ऐसे किसी दूसरे को कैसे दे दें - कल किसी नए ने इन सबको ससपेंड कर दिया तो बेचारे क्या करेंगे चिट्ठी लिखने वाले सभी कर्मचारी कमाते रहे खाते रहे बस
अरे न तो वे असंतुष्ट है और ना ही वे कांग्रेस को गांधी परिवार से मुक्त कराना चाहते हैं- वे तो सिर्फ और सिर्फ गांधी परिवार का ही गुलामी करना चाहते हैं। ओर अध्यक्ष चाहे कोई बने रिमोट तो युवराज के पास ही रहेगा- TheAccidentalCongressPresident
गांधी परिवार से कोई आपत्ति नहीं। परंतु गांधी परिवार पार्टी के हित में कोई भी सर्वमान्य नेता को पार्टी का नेतृत्व सोंपें।
Have you identified a new gashole? 😹
कांग्रेस की स्थिति अब पार्टी जैसी नहीं है। लोकतंत्र विहीन है यह टोली।
जब तक कांग्रेसमें चमचों का बाजार है तब तक सारी कवायद बेकार है
Gandhi family is Congress and Congress is Gandhi famil.
कृपया हमारी मांगो को सरकार तक पहुंचाने की मेहरबानी करें धन्यवाद
Neither the Gandhis are actually willing to handed over the batten nor the Gandhi Family close leaders are supporting the move.
Congress seriously needs a NDRF now.
Nahi.. Yeh ek dubti naiyya hai jo jald hi dubke samapt ho jayegi.
Gadhi parivar hi congress he Hum Gandhi parivar ke sath
Kids: Mahatma Gandhi University Rajiv Gandhi International Airport Jawaharlal Nehru Stadium Indira Gandhi International Airport Legends: Sonia Gandhi Congress Rahul Gandhi Congress
No never
1947 से आज तक काँग्रेस पार्टी एक ही खानदान कीगुलामी कर रही है! और ये गुलामी काँग्रेस का dna बन कयी है! इससे काँग्रेस को बाहर निकलने के लिये बहुत बडे आँपरेशन की जरुरी पडेगी! और उतनी हिंमत आसंतुष्टो मे नही है!
How can congressi change or choose another person as party president as if is the family business of Gandhi family
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