आज के दौर में ग्राहकों को लुभाने के लिए विज्ञापन का सहारा लिया जाता है. खासकर कार कंपनियां अखबार, रेडियो, टेलीविजन समेत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रचार करती हैं. सभी ऑटो मोबाइल्स कंपनियां विज्ञापन पर मोटी राशि खर्च करती हैं, उन्हें इसका फायदा भी मिलता है. क्योंकि ग्राहक विज्ञापन देखकर शोरूम तक पहुंचते हैं.
असलियत यह है कि प्रचार में कंपनियां हमेशा कीमत कम दिखाती हैं, लेकिन फीसर्च टॉप वेरिएंट के होते हैं. दरअसल आज के दौर में हर कोई सुरक्षा और आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस कार खरीदना चाहते हैं. लेकिन इस तरह के तमाम फीचर्स टॉप वेरिएंट में होते हैं. जिसके लिए मोटी रकम चुकानी पड़ती है. यानी विज्ञापन में कंपनियां कम कीमत में सभी फीचर्स दिखाकर केवल लोगों को गुमराह करती हैं.प्रचार में बेस मॉडल का जिक्र
उदाहरण के तौर पर हुंडई सैंट्रो की शुरुआती कीमत ₹ 390,493 रुपये है. कंपनी इसी कीमत के साथ सैंट्रो कार की प्रचार करती है. कंपनी हुंडई Santro में एयरबैग्स समेत ईबीडी, रियर पार्किंग सेंसर और रियर पार्किंग कैमरा जैसे शानदार फीचर्स देने की बात करती है.ऐसे विज्ञापन पर कब लगाम? लेकिन जब ग्राहक तीन लाख 90 हजार रुपये कीमत को ध्यान में रखकर शोरूम तक पहुंचते हैं, तो उन्हें असलियत पता चलता है. क्योंकि सभी सेफ्टी फीचर्स वाली कार की कीमत काफी ज्यादा बढ़ जाती है. Hyundai Santro के टॉप वेरिएंट की कीमत 5.72 लाख रुपये है. जिसमें सेफ्टी और हाईटेक फीचर्स हैं. जिसकी ऑन रोड कीमत साढ़े 6 लाख रुपये तक पहुंच जाती है.इसी तरह Maruti Suzuki Wagon R की दिल्ली में शुरुआती कीमत 4.34 लाख रुपये है, और टॉप वेरिएंट की कीमत 5.91 लाख रुपये है. यानी मारुति कंपनी इस कार के प्रचार के लिए 4.
सही बात है समी फोर भिलर कम्पनिया ग्राहकों को गुमराह करती है जैसे भारतीय रोड अंतराष्ट्रीय मानक के अनुसार नही है यहां जो भी मध्यमवर्गीय परिवार के लिए गाड़ी बनती है उसका इंजन 1500cc का होना चाहिए टायर ट्यूबलेस और चौड़ी माइलेज 30से कम नही होना चाहिए सिटी में और गांव के रोड पर 30 KPL
सिर्फ कार कम्पनियां ही नहीं अधिकतर कम्पनियां लेती हैं विज्ञापन का सहारा और गुमराह करती हैं भारतीय लोगों को, जैसे DISPRIN धरती पर पति जाने वाली इकलौती वह वस्तु है जो खाने के बाद सीधा दिमाग में जाती है।
जब देश मे नेता काम कम अपनी पब्लिसिटि ज्यादा करते हैं तो ये कार कम्पनियां है!
Jarur
Iss baat pe koi sak nahi haa ki car company ne costumer ko goomrahgh karte haa dekata kuch ooor hota kuch Orr koi vi parts reaper nahi hota pura part koihi cgange kiya jata haa oor parts ka vi madicine ki jaisa empire date rahata haa ekdin jada nahi chalta sab car bike company
ऑटोमोबाइल कंपनियां हिंदुस्तानियों को बेवकूफ समझती हैं ,पुराने मॉडल को थोड़ा सा इधर-उधर करके यूरो 5-6 की नौटंकी करके, वही पुराने इंजन के साथ नई गाड़ी चिपका दी जाती है, महंगी से महंगी गाड़ी दुबई में नॉर्मल ई 2500000 की बिक जाती है और हिंदुस्तान में सड़े गुले मॉडल इससे ज्यादा?
ऑटो बिल सेक्टर में इसलिए मंदी है हिंदुस्तानी को सिलीगुड़ी कारें नहीं बेच सकते अब तुम, वहीं मॉडल नया पेंट करके दे दिया? सबसे नई बीएमडब्ल्यू दुबई में बिकती है 2500000 की और हिंदुस्तान के सड़ेगुले मॉडल 25 से 30 लाख में बिकते हैं?
हो सकता ! पर कार खरीद कर्ता अपनी जेब नगर मोहल्ला घरेलू/व्यापारिक और अन्य जरूरत हिसाब से करता कार चयन!
Kya Mandi Chupane ke liye Godi Media ka Sahara leti he Sarkar? Dekhiye Anardana ke sath, Shaam 15 lakh baje. Modi economy EconomyCrisis
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