क्या भारत का कोरोना से रिकवरी रेट वाकई है उम्मीद की किरण?

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भारत में पहली बार 10 जून को Covid-19 रिकवरी ने सक्रिय केसों की संख्या को पीछे छोड़ा. आजतक ने इस महीने के शुरू में ऐसी ही संभावना जताई थी. अभी तक भारत के कुल केसों में से आधे रिकवर हो चुके हैं.

जिन 213 देशों और क्षेत्रों का डेटा उपलब्ध है, उनमें से अब 157 में रिकवरी के आंकड़ों ने सक्रिय केसों की संख्या को पीछे छोड़ दिया है. इस हफ्ते के शुरू में न्यूजीलैंड ऐसा पहला अहम देश बना जहां कोई नया या सक्रिय केस रिपोर्ट नहीं हो रहा. दस सर्वाधिक बोझ वाले देशों में अब भी अमेरिका में सक्रिय केसों और रिकवर्ड की संख्या में सबसे बड़ा करीब 8 लाख का अंतर है

भारत में अब 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रिकवरी की संख्या ने सक्रिय केसों को पीछे छोड़ दिया है. इनमें ऊंचे बोझ वाले गुजरात और तमिलनाडु शामिल हैं. गुजरात में 14,000 से अधिक रिकवरी की तुलना में 5,000 से अधिक सक्रिय केस हैं. तमिलनाडु ने 19,000 से अधिक रिकवरी और 17,000 से अधिक सक्रिय केस रिपोर्ट किए हैं.हालांकि, ऊंचे बोझ वाले राज्यों में महाराष्ट्र और दिल्ली को इस मील के पत्थर तक पहुंचना बाकी है. दिल्ली में अभी भी हर रिकवरी के लिए 1.6 सक्रिय केस हैं.

जिनका डेटा उपलब्ध है, 717 जिलों में 382 में रिकवरी की संख्या अब सक्रिय केसों से ज्यादा हो गई है. रिकवर्ड और सक्रिय केसों में सबसे बड़ा अंतर जहां है, उनमें अहमदाबाद सबसे ऊपर है. यहां सक्रिय केसों की तुलना में 7,000 अधिक रिकवरी हैं. अहमदाबाद के बाद पुणे, जयपुर, इंदौर और जोधपुर का नंबर आता है.हालांकि जो आंकड़े नहीं बताते वो ये है कि आज रिपोर्ट हुई रिकवरी उन केसों की हैं जो कम से कम 10 दिन पहले खोजे गए थे. कुल मिलाकर अब भी हर दिन के नए केसों का आंकड़ा हर दिन होने वाली रिकवरी से कहीं ऊपर है.

जबकि रिकवरी की दर सभी जगह बढ़ रही है लेकिन इसका मतलब रास्ता सीधा नहीं है. राज्यों की रिपोर्ट अचानक बढ़ जाती है और गिर जाती है. और कुछ राज्यों नें कई शिखर दिखाए जैसे कि केरल. बीते हफ्ते सबसे खराब स्थिति वाले दो राज्यों, दिल्ली और तमिलनाडु, ने अपनी रिकवरी दर में गिरावट दर्ज की.अपने आप में, भारत में रिकवरी के आंकड़ों का सक्रिय केसों की संख्या को पार करना पर्याप्त पॉजिटिव सूचकांक नहीं है, जब तक कि नए केस बढ़ना जारी रहते हैं.

 

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Let's pray together 🙏

वैसे तो केह रहे है कि मेडिसिन नहीं है और मरीज ठीक भी हो रहे हैं। अब ये ठीक हो रहे है तो इसका मतलब इलाज है। आखिर सही बात क्या है?

Please follow me anamikasingh94

उम्मीद तो सब करते हैं लेकिन सच को कौन टाल सकता है असल में जो आंकड़े है वो सरकारी है और सरकार की नीति है : No test No corona. We are knowing the fact. Govt. should increases test rate. This is epedamic why mostly busy or crazy for building own gov in different states.

No test no corona : uchh astar ka ghatiya policy and fundamental questions polarized....

Recovery rate compared kaise karte ho yar... Everyday +ve case dekho aur recovery dekho... Media andhbhakton ke tarah sab ko samajhti hai, sentence ke last me kabhi question mark..? Exmn..‼️Ye kya hai..? Test gati tej ho jay to na asal bat pata chale.

case hi adhe h

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