''31 जनवरी, 2024 की काली रात देश के लोकतंत्र में नए तरीक़े से जुड़ी है. 31 जनवरी की रात को देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री या पूर्व-मुख्यमंत्री या किसी भी व्यक्ति की राजभवन के अंदर गिरफ़्तारी हुई. ऐसा मुझे लगता है इस षड्यंत्र को अंजाम देने में राजभवन भी शामिल रहा है. देश के लोकतंत्र में यह काला अध्याय है.''
हेमंत सोरेन ने कहा, "आप जानते हैं. दूसरा कदम झारखंड पर पड़ा. एक आदिवासी मुख्यमंत्री को निगलने का प्रयास. चूंकि इस आदिवासी मुख्यमंत्री के शरीर में हड्डियां कुछ अधिक हैं. इसलिए, उस हड्डी को निकालने के लिए ईडी उसका डिसेक्शन करने में लगी है, ताकि कैसे हम उसको निगल जाएं. लेकिन, इतना आसान नहीं है. गलती से गले में फंस गया, तो पूरा का पूरा अंतड़ी फाड़ के निकालेगा.
इस बीच उनकी भाभी सीता सोरेन जेएमएम छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई हैं. बीजेपी ने उन्हें दुमका से पार्टी प्रत्याशी बनाया है. यह शिबू सोरेन की पारंपरिक सीट रही है. इस लेख में Twitter से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले Twitterझारखंड में हुए राजनीतिक बदलाव, बीजेपी की राजनीति पर क्या बोले मरांडीझारखंड में अभी तक के ट्रेंड से स्पष्ट है कि यहां का पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए हेमंत सोरेन एक बड़ा फ़ैक्टर बन चुके हैं.
वरिष्ठ पत्रकार और संथाल परगना से ताल्लुक़ रखने वाले सुरेंद्र सोरेन भी इससे इत्तेफाक रखते हैं. वे मानते हैं कि झारखंड में मुद्दा तो हेमंत सोरेन ही हैं.
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »
स्रोत: News Nation - 🏆 15. / 51 और पढो »
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »