ने प्रसारकों के खिलाफ अपनी टीम के मौखिक हमले का बचाव किया।
उन्होंने कहा कि बाहर बैठे लोग मैदान पर इस तरह के व्यवहार के कारणों को नहीं जानते। कोहली और उनके साथियों ने तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन अंतिम 45 मिनट के दौरान तब अपना आपा खो दिया, जब दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर विवादास्पद DRS फैसले के कारण क्रीज पर टिके रहे। भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी निराशा स्टंप माइक पर जाहिर की।
कोहली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुझे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है। हम जानते हैं कि मैदान पर क्या हुआ और बाहर बैठे लोगों को पता नहीं होता है कि मैदान पर क्या चल रहा है। मेरे लिए मैदान पर हमने जो कुछ किया उसे सही ठहराने की कोशिश करना और यह कहना कि हम भावनाओं में बह गए……।’ कोहली ने वाक्य पूरा नहीं किया।ने कहा, ‘अगर हम वहां पर हावी हो जाते और तीन विकेट लेते तो संभवत: वह क्षण खेल की दिशा बदल देता।’ यह घटना 21वें ओवर में घटी, जब रविचंद्रन अश्विन की उछाल लेती गेंद सीधे एल्गर के पैड पर लगी।...
इस पर भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी निराशा खुलकर जाहिर की। अब तक 99 टेस्ट खेल चुके कोहली ने कहा कि वह इसे विवाद नहीं बनाना चाहते हैं। उनकी टीम इससे आगे निकल चुकी है। उन्होंने कहा, ‘वास्तविकता यह है कि हमने इस टेस्ट मैच में उन पर लंबे समय तक पर्याप्त दबाव नहीं बनाए रखा और इसलिए हम मैच हार गए।’ पुजारा और रहाणे 6 में से 5 पारियों में नाकाम रहे। दोनों पिछले साल भी खास योगदान नहीं दे पाए थे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज हार के बाद दोनों पर टीम से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। इस संबंध में कोहली ने कहा, ‘मैं यहां यह बात नहीं कर सकता कि भविष्य में क्या होने जा रहा है। मैं यहां पर इस पर चर्चा करने के लिए नहीं बैठा हूं। आपको इस पर चयनकर्ताओं से बात करनी चाहिए। यह मेरा काम नहीं है।’ने कहा, ‘जैसा कि मैंने पहले कहा है वहीं बात मैं फिर से कहूंगा, हम चेतेश्वर और अजिंक्य का समर्थन करना जारी...
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