कोरोना: लंबा चला लॉकडाउन तो बंद हो जाएंगे 50 फीसदी रेस्टोरेंट, जोमैटो-स्विगी का कारोबार 90% घटा

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कोरोना की वजह से रेस्टोरेंट कारोबार को भारी नुकसान

कोरोना महामारी का भारत में सबसे बुरा असर फूड और ट्रैवल इंडस्ट्री पर पड़ा है. एक अनुमान के अनुसार फूड इंडस्ट्री को इस साल 80 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. अगर लॉकडाउन लंबा चला तो देश के 50 फीसदी रेस्टोरेंट बंद हो सकते हैं.अनुमान के मुताबिक जोमैटो—स्विग्गी जैसे डिलिवरी चेन का कारोबार घटकर 90 फीसदी पर आ गया है. नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया का अनुमान है कि कोरोना की वजह से उसके 5 लाख सदस्यों को साल 2020 में 80 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है.

मॉल में चलने वाले रेस्टोरेंट को अतिरिक्त 5 से 6 फीसदी का मेंटेनेन्स चार्ज देना होता है. यह मेंटेनेन्स चार्ज कई बार 3000 वर्ग फुट के रेस्टोरेंट के लिए 2.5 लाख महीना तक हो जाता है. लुल्लू ग्रुप, लोढ़ा ग्रुप, फोरम और वेगास जैसे कई बड़े मॉल मालिकों ने कुछ समय के लिए किराया माफ कर दिया है.सूत्रों के अनुसार रेस्टोरेंट बंद होने से फूड डिलिवरी कारोबार भी बैठ गया है. जोमैटो और स्विग्गी का बिजनेस तो पहले के मुकाबले महज 10 फीसदी रह गया है.

आगे भी बिजनेस घटेगा NRAI के प्रेसिडेंट और 27 रेस्टोरेंट चलाने वाले डीगस्टिबस हॉस्पिटलिटी के सीईओ अनुराग कटियार कहते हैं कि कोरोना के बाद की दुनिया के हालात कल्पना से परे होंगे. असल में जब इकोनॉमी बेहतर होती है तो ही लोग फूड और बेवरेज पर अच्छा खर्च करते हैं. इसके अलावा कोरोना की वजह से जो डर का माहौल बना है उसमें लोग बाहर खाना भी कम कर देंगे.

चीन में यह देखा गया कि कोरोना के बाद जब बाजार खुले तो डॉमिनोज पिज्जा की बिक्री पहले के एक—तिहाई से भी कम हो गई. चीन में अगर यह हालत है तो भारत में क्या होगा इसके बारे में सोचा जा सकता है. असल में चीन में औसत एक व्यक्ति महीने में 28 बार बाहर खाना खाता है, जबकि भारत में यह औसत सिर्फ 4 के करीब है.

 

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मीडिया की कमाई 1000 गुना से ज्यादा है पर अभी तक किसी मीडिया बाले ने प्रधान मंत्री राहत कोष में 1 रु नही दिया है मीडिया का काम है राम रा न जपना पराया माला अपना

All loses will b taken care of if u r alive. If dead wt loss or wt profits. First foremost is to survive.

मोदी जी इनके लिए भी कुछ करेंगे या थाली और ताली ही बज्वाएंगे।🤪

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