कोरोना वायरस के बीच दुनिया के कुछ देशों में क्यों हो रहे हैं प्रदर्शन?

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कोरोना वायरस के बीच दुनिया के कुछ देशों में क्यों हो रहे हैं प्रदर्शन? CORONAVIRUS CoronavirusLockdown ProtestAmidCorona

में सरकारी नीतियों के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग बेरोजगारी और भुखमरी को लेकर कई जगहों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

इन प्रावधानों में तंबाकू से लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे व्हाट्सएप पर टैक्स की नई दरें लगाने का एलान था। इसके अलावा बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर भी लोग लेबनान में प्रदर्शन कर रहे हैं। वहां की जनता ने देश का नेतृत्व कर रही सरकार पर भी हमला बोला। लेबनान की सरकार ने दस मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने की बात कही है और अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए कुछ उद्योगों को दोबारा शुरू करने का फैसला लिया। लेकिन कोरोना वायरस जैसी महामारी के बीच लेबनान के कई शहर जैसे बैरट, त्रिपोली, सिडोन, अक्कर, बेका वैली में प्रदर्शन उग्र होने लगे, जिसके परिणास्वरुप वहां नागरिकों और सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

हालांकि ये मुद्दा फ्रांस के येलो वेस्ट मूवमेंट से संबंधित नहीं है लेकिन जानकारों का मानना है कि इस तरह के दंगों से देश में लंबे समय के लिए टेंशन बढ़ जाएगी और कुछ दिनों बाद ही पेरिस के उपनगर से एक वीडियो सामने आता है कि प्रदर्शनकारी पुलिस पर आग के बने गोले फेंक रहे हैं और पुलिस आंसू गैस के गोले दाग रही है।

हालांकि कोलंबिया की सरकार ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 1.47 बिलियन डॉलर का एलान किया लेकिन देश के स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि ये राशि उन तक नहीं आई है। कुछ प्रदर्शनकारियों का मानना है कि लॉकडाउन की वजह से वो अपनी दैनिक आय नहीं बना पा रहे हैं। अमेरिका में हो रहे प्रदर्शन में अलग अलग राजनैतिक पहलू भी है। कुछ जानकार मानते हैं कि अमेरिका में सोशल डिस्टेंसिंग बहुत ज्यादा जरूरी है।

लेबनाना में प्रदर्शन हफ्तों तक चला जिसका क्रिसमस और न्यू ईयर तक खत्म होने की संभावना थी। 21 फरवरी को लेबनाना में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया, जिसे देखते हुए वहां की सरकार ने स्कूल और कॉलेज बंद करने का फैसला किया। जानकारों का कहना है कि लेबनान में यह भ्रष्ट स्थिति और गैर बराबरी की स्थिति और ज्यादा खराब होगी जिसकी वजह से आम लोगों के सामने भूखमरी भी एक बड़ा संकट बनकर आएगी।फ्रांस में अक्टूबर 2018 से येलो वेस्ट मूवमेंट शुरू हुआ जिसे एक महीने बाद कई लोग आगे लेकर गए। यहां भी प्रदर्शन टैक्स की ज्यादा दरों की वजह से शुरू हुआ जिसकी वजह से देश की मिडिल क्लास और गरीब आबादी पर बोझ पड़ता। फ्रांस में 17 मार्च से लॉकडाउन की स्थिति है और 18 मार्च को पेरिस के उपनगर में प्रदर्शन की शुरुआत...

 

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